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कानपुर हादसा : मलबे में अभी भी दबी है जिन्दगी, राहत और बचाव कार्य जारी

kanpur building कानपुर हादसा : मलबे में अभी भी दबी है जिन्दगी, राहत और बचाव कार्य जारी

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में बुधवार को जाजमऊ इलाके में निर्माणाधीन इमारत गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई है जबिक मलबे में 30 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही हैं। कानपुर में बिल्डिंग गिरने के मामले में सपा नेता महताब आलम और उसके ठेकेदार के खिलाफ कैकेरी थाने में गैरइरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि अभी तक 17 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। हादसे के बाद से लगातार एनडीआरएफ और सेना राहत और बचाव कार्य में जुटी है। बताया जा रहा है कि जिस समय ये हादसा हुआ उस समय इस इमारत के निर्माण कार्य में 50 मजदूर काम कर रहे थे। इसके साथ ही उनके बच्चे भी इसी इमारत के निचली मंजिल पर थे। फिलहाल जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए है।

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जाजमऊ के गज्जूपुरवा में करीबन 20 फुट की गली में 500 गज के प्लॉट पर बन रही इमारत के निचले माले में दुकानें और फ्लैट बनाए जा रहे थे। ये हादसा बुधवार को दोपहर 2 बजे हुआ। जानकारी के मुताबिक मरने वालो और घायल मजदूरों में महिलाएं भी शामिल है। हालांकि डीआईजी का कहना है मलबे के हटने के बाद ही मृतकों और घायलों की सही संख्या का पता चल पाएगा।

वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कानपुर में हुए हादसे के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। त्रिपाठी ने कानपुर के जाजमऊ इलाके की निर्माणधीन छह मंजिला व्यवसायिक भवन की छत गिरने से मृत श्रमिकों के प्रति शोक संवदेना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हृदय विदारक घटना कई गम्भीर प्रश्न खडे़ करती है। रिहायसी इलाके में सपा नेता मेहताब आलम की इस व्यवसायिक बिल्डिग का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी सपा सरकार की है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस घटना की जिम्मेदारी से अपना मुंह नहीं मोड सकते।

 

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