उल्का पिंड को लेकर कई दिनों से तरह-तरह की भविष्यवाणी की जा रही हैं। और कुछ हद तक ये सच भी हो रही हैं। उल्का पिंड को लेकर लंब से समय से ये कहा जा रहा है कि, पृथ्वी से एक उल्का पिंड टकराएगा और पृथ्वी को खत्म कर देगा। यही कारण है कि,नासा के वैज्ञानिक लगातार आसमान में घटित होती इन घटनाओं पर नजर बनाएं हुए हैं।
यही कारण है की अब नासा के वैज्ञानिकों की तरफ से पृथ्वी के करीब बड़ी ही तेजी से आ रहे 5 उल्का पिंडो को लेकर चेतावनी जारी की गई है।खास बात यह है कि ये सभी उल्का पिंड धरती से 46.5 मील से कम दूरी पर निकलेंगे। अगर किसी तेज रफ्तार स्पेस ऑब्जेक्ट के धरती से 46.5 लाख मील से करीब आने की संभावना होती है तो उसे स्पेस ऑर्गनाइजेशन्स खतरनाक मानते हैं।
इससे विनाशकारी खतरा तो नहीं होता है लेकिन वैज्ञानिकों की नजरें बनी रहती हैं। नासा का का सेनट्री सिस्टम ऐसे खतरों पर पहले से ही नजर रखता है। इसमें आने वाले 100 सालों के लिए फिलहाल 22 ऐसे ऐस्टरॉइड्स हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की थोड़ी सी भी संभावना है।
सबसे पहले दो मंगलवार को ही गुजरने वाले हैं। हालांकि, ये दोनों ही नुकसान पहुंचाने लायक दूरी तक नहीं पहुंच सकेंगे। इसके बाद बुधवार को 65 फीट का उल्का पिं गुजरेगा। इसके पीछे 65 फीट का एक और उल्कापिंड अगले दिन गुरुवार को 36 लाख मील करीब तक आएगा। 11 जून को ही 60 फीट का उल्काऔर ज्यादा करीब आएगा लेकिन 23 लाख मील की दूरी से ही निकल जाएगा।
पिछले हफ्ते में भी पांच पांच धरती की ओर आए थे और कुछ दूर से निकल गए थे। इससे वैज्ञानिकों का ध्यान इनसे होने वाले किसी भी संभावित खतरे पर बना हुआ है। माना जा रहा है कि उल्का पिंड की बढ़ती संख्या और फ्रीक्वेंसी को देखते हुए और ज्यादा वॉर्निंग सिस्टम्स की जरूरत हो गई है।
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वैज्ञानिकों की तरफ से लगातार नजर बनाई गई है। ताकि आसमान में घटित किसी भी घटना की वो जानकारी दुनिया को दें सकें।