मलप्पुरम। रेप के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कानूनों में बार बार संशोधन के बाद भी बेटियां सुरक्षित नहीं है। दिल्ली के निर्भयाकांड के बाद कोई सबक नहीं लिया गया। आई दिन अलग अलग शहरों में निर्भया के साथ दरिंदगी होती रहती है। मानों इसकी हमें आदत सी पढ़ गई हो। रोज दो चार रेप की वारदार अब चैंकाती नहीं अब यह आम बात हो गई। ऐसी ही एक दरिंदगी की वारदार केरल में हुई है। केरल के मलप्पुरम में 17 साल की नाबालिग लड़की से गैंगरेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि 44 लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता का कहना है कि साल 2016 में जब वह 13 साल की थी। तब उसके साथ पहली बार यौन उत्पीड़न हुआ था। दूसरी घटना के बाद उसे बाल गृह भेजा गया था। इस मामले में पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता का कहना है कि करीब एक साल पहले उसे अपनी मां और भाई के साथ रहने की अनुमति मिल गई थी। लेकिन बाल गृह से निकलने के बाद उसके साथ कई लोगों ने फिर से घिनौनी हरकतें कीं।
मलाप्पुरम बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शाजेश भास्कर ने बताया कि ये बच्ची पहले बाल गृह में रहती थी, लेकिन एक साल पहले उसके घर वालों के कहने पर उसे बाल गृह से घर भेजने का फैसला किया गया। बच्ची को बाहर भेजने से पहले सभी कानूनी एवं सुरक्षा कदमों को उठाया गया था।
बाल गृह से निकलने पर हुई थी लापता-
इस मामले की इंचार्ज सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर मोहम्मद हनीफा ने मीडिया को बताया कि बच्ची ने ये खुलासा निर्भया केंद्र में अपनी काउंसिलिंग को दौरान किया। उन्होंने बताया कि बच्ची बाल गृह से निकलने के बाद कुछ समय से लापता थी और पिछले दिसंबर में पलक्कड़ में उसका पता चला।
निर्भया केंद्र में किया चौंकाने वाला खुलासा-
पलक्कड़ में मिलने के बाद उसके घरवाले उसे निर्भया केंद्र ले आए थे। यहां काउंसिलिंग के दौरान उसने केंद्र के अधिकारियों को यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाओं की जानकारी दी। इंस्पेक्टर ने कहा कि बच्ची के बयान के बाद हमने लगभग सभी आरोपियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कर हिरासत में ले लिया है।