नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का बहुत असर पड़ा है। कोरोना महामारी से बिगड़े हुए हालात अभी ठीक नहीं है। इसकी वजह से देश में रोजगार की कमी आ गई है। इसके साथ सरकार द्वारा देश में बेरोजगार लोगों को काम देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं। जिनके द्वारा आसानी से लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इसके साथ ही देश में रोजगार का जायजा लेने के लिए सरकार ने चार सर्वे शुरू करने की योजना बनाई है। इसके तहत प्रवासी मजदूरों, घरेलू कामगारों, प्रोफेशनल्स और ट्रांसपोर्ट में रोजगार का जायजा लिया जाएगा। मार्च में ये सर्वे शुरू हो जाएंगे। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि ये सर्वे काफी अहम होंगे और इनसे रोजगार के लिए बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही अक्टूबर तक इनके नतीजे आ जाएंगे।
नए आंकड़ों के लिए ये डेटा बेहद जरूरी हैं- श्रम मंत्रालय
बता दें कि श्रम मंत्रालय के मुताबिक पहले की तिमाही सर्वे की जगह अब न्यू एंटरप्राइज बेस तिमाही सर्वे शुरू होगा। सरकार की ओर से ईपीएफओ पे-रोल डेटा और पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे जारी करने से दो साल पहले सरकार ने ये सर्वे बंद कर दिए थे। लेबर ब्यूरो की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर श्रम मंत्री ने कहा कि ये सर्वे मार्च में शुरू हो जाएंगे और अक्टूबर तक इनके नतीजे आ जाएंगे। इसके साथ ही श्रम मंत्रालय के मुताबिक नए आंकड़ों के लिए ये डेटा बेहद जरूरी हैं। श्रम मामलों में नीतियों को लागू करने के लिए प्रामाणिक डेटा की बेहद जरूरत है। इसलिए सरकार की ओर से मार्च में सर्वे शुरू कराए जा रहे हैं। श्रम मंत्रालय के सेक्रेट्री अपूर्व चंद्रा ने कहा कि लेबर कोड के तहत कराए जाने वाले सर्वे के लिए लेबर ब्यूरो नोडल बॉडी की तरह काम करेगा। इस साल अक्टूबर में श्रम मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों, घरेलू कामगारों और प्रोफेशनल्स के बीच सर्वे कराने का ऐलान किया था।