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महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूटने की कगार पर, जाने वजह

amit shah 1 महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूटने की कगार पर, जाने वजह

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूटने की कगार पर है। मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बनने के बाद शिवसेना और बीजेपी के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की शर्तों को मानते हुए केंद्र में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है। शिवसेना कोटे से मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया।

शिवसेना नेता बोले- बीजेपी ने बनाया झूठ का माहौल

बता दें कि शिवसेना नेता और केंद्रीय मंत्री अरविंद सांवत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया गया था। शिवसेना और बीजेपी दोनों आश्वस्त थे। अब इस फॉर्मूले को नकारना शिवसेना के लिए गंभीर खतरा है। महाराष्ट्र में बीजेपी ने झूठ का माहौल बना रखा है। शिवसेना हमेशा सच्चाई के पक्ष में रही है। ऐसे में इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहें? और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। अरविंद सावंत ने ट्वीट कर दी इस्तीफे की जानकारी। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने ट्वीट के जरिए इस्तीफे का ऐलान करते हुए सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं और आज सुबह 11 बजे मीडिया के सामने अपना पक्ष रखूंगा।

वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल ने रविवार शाम शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता देते हुए पूछा कि क्या वह सरकार बनाना चाहती है और उसके पास राज्य में अगली सरकार बनाने की क्षमता है। राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता बीजेपी की ओर से सरकार बनाने से इनकार करने के बाद दिया गया। बीजेपी नवनिर्वाचित विधानसभा में 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

सरकार बनाने के लिए क्या है शिवसेना का फॉर्मूला?

साथ ही शिवसेना राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन ले सकती है। बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (55 विधायक) और कांग्रेस (44 विधायक) से बाहर से समर्थन हासिल कर सकती है। एनसीपी और कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि कि उनका समर्थन इस शर्त पर होगा कि शिवसेना-बीजेपी के साथ अपना गठबंधन खत्म कर दे। साथ ही यह शर्त भी रखी कि शिवसेना के केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसके एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दे दें।

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