नई दिल्ली। मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर मोदी ने असम में एशिया के सबसे लम्बे पुल का उद्घाटन किया। वैसे तो नरेंद्र मोदी को किसी पहचान की ज़रूरत नही इनके बुलंद हौसलो के कारण आज घर घर मे इनकी एक अलग पहचान हैं। मोदी का जादू इस कदर लोगो पर छाया हैं हर कोई मोदी का दिवाना हैं। तो आज हम बताएंगे मोदी के बचपन से लेकर अब तक की कहानी।
वर्ष 1950 में वडनगर गुजरात में बेहद साधारण परिवार में जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को 65 बरस के हो गए। एक चाय बेचने वाले कभी देश का पीएम भी बनेगा ये किसी ने सोचा नहीं था। मोदी ने राजनीति शास्त्र में एमए किया। बचपन से ही उनका संघ की तरफ खासा झुकाव था और गुजरात में आरएसएस का मजबूत आधार भी था।
वे 1967 में 17 साल की उम्र में अहमदाबाद पहुंचे और उसी साल उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ली। इसके बाद 1974 में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए. इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे।