झारखंड क्वारंटाइन सेंटर को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सेंटर में मौज-मस्ती को लेकर बवाल मचा हुआ है।
रांची। झारखंड क्वारंटाइन सेंटर को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सेंटर में मौज-मस्ती को लेकर बवाल मचा हुआ है। झारखंड क्वारंटाइन सेंटर में सरकार की नाक के निचे रांची खेलगांव क्वारंटाइन सेंटर में 3 तब्लीगी महिलाएं गर्भवती हो गई जिसके बाद मामला और गरमा गया है। साथ ही सियासत ही तेज हो गई है। घटना की जांच के आदेश दिए गए। संबंधित संस्थान यथा बिरसा मुंडा जेल, जिला प्रशासन, रांची पुलिस और स्वास्थ्य विभाग इस मामले में अपनी गर्दन बचाने में लगे हैं।
बता दें कि तब्लीगी जमात की 3 महिलाएं प्रेग्नेंनट पाए जाने के बाद जो भी हुक्मरान और जिनकी भी भूमिकाएं इसमें शआमिल थी वो सब इस घटना से पल्ला झाड़ते नजर आए। कोरोना महामारी से परेशान राज्य के इस गंभीर मामले में नया मोड़ उस वक्त आया जब जांच के बाद जिला प्रशासन की ओर से जिम्मेदार बानए गए एडिशनल कलक्टर का अचानक तबादला कर दिया गया। हालांकि रांची के उपायुक्त ने नए अफसर की तैनाती के साथ ही जांच कराने का दम भर रहे हैं।
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वहीं राजधानी रांची के खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की तीन महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच का जिम्मा रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बुधवार को रांची के एडिशनल कलक्टर (अपर समाहर्ता) को दिया था। जांच शुरू भी नहीं हुई थी कि एडिशनल कलक्टर का तबादला हो गया। और अब जांच कब शुरू होगी अभी यह कहना भी मुश्किल है।
बहरहाल रांची से जांच पदाधिकारी, एडिशनल कलेक्टर सतेंद्र कुमार का तबादला तो कर दिया गया, लेकिन किसी को इस पद का प्रभार नहीं दिया गया है। जबकि रांची के उपायुक्त का कहना है कि जैसे ही एडिशनल कलक्टर की नियुक्ति हो जाएगी और वे पदभार ग्रहण कर लेंगे, क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की 3 महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच शुरू हो जाएगी। जाहिर तौर पर प्रशासन के रवैये से समझा जा सकता है कि वह मामले की जांच के प्रति कितनी गंभीर है।