बरेली: उत्तर प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत किसानों से सीधे गेहूं की खरीद की जा रही है। इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है।
गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट www.fcs.up.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। किसानों का रजिस्ट्रेशन बीते माह से ही चल रहा है। किसान खुद या साइबर कैफे, जन-सुविधा केंद्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) करा सकते हैं।
अब तक खरीदा गया 29529.68 मीट्रिक टन गेहूं
जिले में गुरुवार को प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि, प्रदेश में अब तक 3.78 लाख किसानों ने गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण करा लिया गया है। साथ ही विभिन्न जिलों में 5,255 किसानों से 29529.68 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।
खाद्य आयुक्त ने बताया कि, इस वर्ष गेहूं की खरीद इलेक्ट्रॉनिक प्वांइट ऑफ परचेज (e-pop) डिवाइस के माध्यम से कराई जाएगी। इसके तहत सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों का अगूंठा लगाकर आधार प्रमाणीकरण व सत्यापन कराते हुए गेहूं की खरीद की जाएगी। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में ई-पॉप मशीन उपलब्ध कराई जा रही है।
ई-पॉप मशीन के माध्यम से खरीद
सबसे पहले बुधवार (सात अप्रैल) को मुरादाबाद के विपणन शाखा क्रय केंद्र कुन्दरकी पर किसान शाकिर का 28 कुंतल गेहूं ई-पॉप डिवाइस पर आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से कराते हुए खरीदा गया। अब तक प्रदेश के बरेली, रामपुर, मुरादाबाद और आगरा जैसे जिलों में ई-पॉप मशीन के माध्यम से खरीद शुरू की गई है।
मनीष चौहान ने बताया कि, ई-पॉप मशीन पर खरीद प्रक्रिया पूरी होते ही कुल तौल की गई गेहूं की मात्रा व उसके मूल्य की प्रिन्टेड रसीद तत्काल मौके पर ही किसान को मिल रही है। उन्होंने बताया कि, केंद्र पर मौजूद किसानों ने ई-पॉप मशीन के माध्यम से पारदर्शी गेहूं खरीद व्यवस्था और तौल की रसीद तुरंत मिलने पर खुशी जताई है।
ई-पॉप मशीन वाला देश का पहला राज्य बना यूपी
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि, जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में स्थापित क्रय केंद्रों पर ई-पॉप मशीन के माध्यम से गेहूं की खरीद शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां पर एमएसपी के अंतर्गत किसानों को लाभाविन्त करने व बिचैलियों और अनाधिकृत व्यक्तियों की भूमिका खत्म करने के उदेद्श्य से ई-पॉप मशीन के माध्यम से गेहूं खरीद की व्यवस्था की गई है।