लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में त्राहिमाम मचा दिया है। संक्रमण और मौतों के आंकड़ों को देखकर रूह कांप जा रही है। लेकिन, इस बीच एक राहत की बात निकलकर यह सामने आई है कि बस 29 दिन और कोरोना का कहर रहेगा, उसके बाद यह इतनी तेजी नहीं दिखा पाएगा। रहेगा भी तो इतना तेज लोगों को संक्रमित नहीं करेगा। जनजीवन इतनी बुरी तरह प्रभावित नहीं होगा। अगर इसे हम कहें कि यह नॉर्मल फ्लू की तरह हो जाएगा, तो इसमें कोई गलत बात नहीं होगी।
देश के जाने माने हड्डी रोग विशेषज्ञ, पटना एम्स के पूर्व निदेशक और केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग के पूर्व हेड डॉ. जी के सिंह ने दावा किया है कि कोरोना के संक्रमण और वैक्सीनेशन की गति को देखें तो आज यानी 24 अप्रैल से लेकर आगामी 29 दिन के अंदर कोरोना का असर बेहद कम हो जाएगा। अगर डॉ. जी के सिंह की मानें तो लगभग इतने दिन में हम कोरोना से मुक्त हो जाएंगे।
समझिए कोरोना से मुक्त होने का गणित
डॉ. जी के सिंह ने बताया कि भारत की आबादी लगभग 138 करोड़ है। वहीं कोरोना संक्रमण की बात करें तो यह 18 साल से उपर के लोगों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है। ऐसे में करीब 75 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमण के राडार पर है।
उन्होंने बताया कि इसे संख्या में देखें तो यह करीब 102 करोड़ होता है। उन्होंने बताया कि इस संख्या के आधार पर देखें तो करीब 71 फीसदी लोगों में अगर हर्ड इम्युनिटी बनती है तो कोरोना का असर अपने आप लगभग जीरो हो जाएगा। हर्ड इम्युनिटी बनने के बाद कोरोना अगर किसी को होता भी है तो वह सिर्फ उसी व्यक्ति तक रहेगा। यानी उसकी चपेट में आकर दूसरे व्यक्ति के संक्रमित होने के चांस लगभग नगण्य हो जाएंगे।
29 दिन में कैसे होंगे कोरोना से मुक्त?
अब सवाल उठता है कि अगर हर्ड इम्युनिटी के बाद कोरोना का असर लगभग नगण्य हो जाएगा तो कितने दिन में यह सफलता हमें मिलेगी। इस पर डॉ. जी के सिंह ने बताया कि आज यानी 24 अप्रैल तक के आंकड़ों पर हम नजर डालें तो करीब एक करोड़ 66 लाख लोगों में हर्ड इम्युनिटी बन चुकी है। यह आधिकारिक आंकड़ा है।
जबकि देखा जाए तो करीब पांच गुना से ज्यादा लोग कोरोना से प्रभावित हुए हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिनमें हर्ड इम्युनिटी बन चुकी है। कोरोना से प्रभावित लोगों को भी इम्यून ही माना जाएगा। ऐसे में दोनों आंकड़ें मिलाएं तो यह आठ करोड़ से ज्यादा हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अभी तक एक करोड़ 91 लाख लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन और बीमारी के बाद इम्यून हुए लोगों का आंकड़ा दस करोड़ से ज्यादा है।
इसके आगे डॉ. जी के सिंह ने बताया कि आज की तारीख में देश में प्रतिदिन तीन लाख 40 हजार मामले आने शुरू हो रहे हैं। वहीं वैक्सीनेशन भी करीब दो लाख 70 हजार के आसपास है। यानी इन दोनों आंकड़ों को देखें तो प्रतिदिन करीब 6.1 लाख लोग इम्यून हो रहे हैं।
संक्रमण और वैक्सीनेशन की दर में प्रतिदिन हो रहा इजाफा
डॉ. जी के सिंह ने बताया कि आंकड़ों के हिसाब से प्रतिदिन संक्रमण की संख्या में करीब 6.5 फीसदी मामलों को बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं वैक्सीनेशन की भी दर बढ़ाई जा रही है। ऐसे में संक्रमण चिंता की बात तो है लेकिन आगे चलकर यह राहत भी दे सकता है।
यही दर रही तो 24 मई तक कोरोना से मिल जाएगी मुक्ति
डॉ. जी के सिंह ने बताया कि अगर वैक्सीनेशन, संक्रमण और ठीक होने वाले मरीजों की यही दर रही तो 29.7 दिनों में हर्ड इम्युनिटी को प्राप्त कर लेंगे। जिसके बाद कोरोना का असर लगभग नगण्य हो जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें उतार चढ़ाव भी है। अगर यह दर 6 फीसदी जाती है तो 32.1 दिन, 6.5 फीसदी पर29.8 दिन लगेगा। 7 फीसदी होती है तो 27.8 दिन, 7.5 दिन होती है तो 26 दिन और 8 फीसदी होने पर 24.5 दिन और 85 होने पर 23.5 दिन लगेंगे।
क्या है हर्ड इम्युनिटी
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर कोई भी बीमारी किसी आबादी के बड़े हिस्से को संक्रमित कर देती है तो उस आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। उस बीमारी से लड़ने की शक्ति पैदा हो जाती है।
यानी की दूसरी बार बीमारी अगर उस पर अटैक करती है तो उसका असर लगभग शून्य हो जाता है। इसी को इम्यून होना कहते हैं। कोरोना के मामले में भी यही इम्युन काफी मददगार होगा।