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जोधपुर सेंट्रल जेल से भागे 28 कैदियों ने किया ये कारनामा, पुलिस के लिए बना सिरदर्द

JAIL जोधपुर सेंट्रल जेल से भागे 28 कैदियों ने किया ये कारनामा, पुलिस के लिए बना सिरदर्द

जोधपुर। जोधपुर के सेंट्रल जेल से 28 कैदी पैरोल से फरार हो गए जिनका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। इनके फरार होने पर पुलिस ने थाने में उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करा दिए हैं। लेकिन इन्हें पकड़ नहीं पाई कैदियों को पकड़ने के बजाय पुलिस अपना ही दुखड़ा सुनाने लगी। पुलिस का कहना है कि जो कैदी भागे हैं, वे राज्य भर के इलाकों से हैं, ऐसे में इनके पीछे-पीछे भागना मुश्किल है और उन्हें पकड़ना भी मुश्किल है। इधर, पैरोल पर भागे बंदियों को पकडऩे के लिए अब जेल प्रशासन लगातार पुलिस पर दबाव बना रहा है। पुलिस के लिए ये फरार कैदी सिरदर्द बन गए हैं।

JAIL जोधपुर सेंट्रल जेल से भागे 28 कैदियों ने किया ये कारनामा, पुलिस के लिए बना सिरदर्द

बता दें कि जोधपुर सेंट्रल जेल प्रशासन का कहना है कि साल 2007 से अब तक 28 कैदी ऐसे हैं जो पैरोल से वापस जेल नहीं आए। सेंट्रल जेल का एरिया रातानाडा पुलिस थाना क्षेत्र में आता है। ऐसे में पैरोल अवधि पूरी होने के बाद जब कैदी नहीं लौटे तो जेल प्रशासन ने ये सभी मुकदमे रातानाडा थाने में मुकदमे दर्ज करवा दिए। रातानाडा थाना पुलिस के लिए ये मुकदमे मुसिबत बन गए हैं। जो कैदी फरार हुए हैं वो राज्य के विभिन्न जिलों के हैं। पुलिस इतने सारे कैदियों के लिए हर जगह पुलिस दल भेजने में असमर्थ है।

वहीं अगर जेल प्रशासन की माने तो पिछले दस साल में 28 कैदी पैरोल से भागे, जबकि 15 कैदी ऐसे हैं जो ओपन कैंप और अंतरिम जमानत लेकर गए और वापस नहीं लौटे। इनके भी मुकदमे दर्ज करवा लिए गए हैं, लेकिन ये कैदी भी नहीं मिले। वर्ष 2015 के बाद 6 कैदी पैरोल से भागे हैं। अब जेल प्रशासन ने इन सभी को तलाशने के लिए फिर से पुलिस को लिखा है। आमतौर पर पुलिस का एक दल सम्बंधित कैदी के यहां जाती है और हर बार वहां से उसे खाली हाथ आना पड़ता है। क्योंकि वो घर पर नहीं मिलता। ऐसे में पुलिस मुखबिर को कहकर आ जाती है। पुलिस त्योहार पर इन कैदियों के यहां दबिश देने जरूर जाती है। क्योंकि ज्यादातर कैदी त्योहार मनाने अपने घर आते हैं। फिलहाल रातानाडा थाना पुलिस क खाते में 43 कैदी फरार चल रहे हैं।

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