लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का भयंकर कहर देखने को मिला है। लगातार जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी सुधर नहीं रही है।
प्रदेश के कई गांव बाढ़ प्रभावित
खबरों के अनुसार कुल 24 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जहां के 605 गांव जलमग्न हो गए हैं। इन जिलों में वाराणसी, प्रयागराज, गाजीपुर, औरैया, बलिया, हमीरपुर, जालौन, बांदा में काफी बिगड़े हालात देखने को मिले हैं। यहां कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को तैनात कर दिया गया है। सभी प्रभावित लोगों को राहत सामग्री और सुरक्षित स्थान पर भेजने की भी कोशिश लगातार जारी है।
गोंडा जिले में घाघरा नदी और सरयू नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। हजारों हेक्टेयर फसल नदी में समा गई है। दो दर्जन लोग ऐसे हैं, जिनके घर बह गए और सभी अब पलायन को मजबूर हो गए। यह मामला तरबगंज की माझा बेल्ट का बताया जा रहा है।
दूसरी तरफ गाजीपुर में 2019 का भी बाढ़ का रिकॉर्ड टूट गया। 64.580 मीटर जलस्तर पर गंगा नदी पहुंच गई है, साल 2019 में 64.530 मीटर तक पहुंची थी। जनपद में खतरे का निशान 63.105 मीटर पर है। मिर्जापुर जिले में भयंकर तबाही देखने को मिल रही है। जिले में बाढ़ से कई गांव प्रभावित हैं, यहां खतरे के निशान से ऊपर से बह गंगा नदी बह रही है। एक सेंटीमीटर हर घण्टे गंगा का पानी बढ़ रहा है। इसी के चलते खैरा पॉवर हाउस में भी बाढ़ का पानी भर गया, 80 हजार की आबादी अंधेरे में रह रहने को मजबूर है।