नई दिल्ली। कलयुग के प्रमुख देवता हनुमान जी का जन्मदिन वर्ष में दो बार मनाया जाता है, जो चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा को और कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म माता अंजनी के गर्भ से हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जन्म के उपरान्त ही हनुमान जी की चमत्कारिक शक्तियों का हर किसी को आभास हो गया था। हनुमान जी ऐसे देव हैं जो बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और उपने भक्तों को फल देते हैं।
मान्यताएं एवं महत्व:-
-वायु पुराण और अगस्त्य संहिता में हनुमान जी के जन्म के विषय में विस्तृत वर्णन है।
– इसमें बताया गया है कि हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार के दिन मध्यरात्रि में हनुमान जी ने जन्म लिया था।
– मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की पूजा मध्य रात्रि को करने से तुरन्त फल मिलते हैं।
-धार्मिक अवधारणाओं के अनुसार पवनपुत्र हनुमान ने पृथ्वी पर धर्म को बचाने के लिए सूर्य को निगल लिया था।
-कहते हैं कि आज के दिन किसी मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति की सेवा करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं और सारी चिंताएं को दूर कर देते हैं।
-व्यापार में हो रहे घाटे से बचने के लिए हनुमान जी की उपासना अत्यधिक लाभदायी होती है।
– इस दिन हनुमान जी की पूजा सिंदूर चढ़ाकर करने से परिवार में सुख- शान्ति आती है।
-हनुमान जयंती पर किसी हनुमान मंदिर में लाल रंग का झंडा चढ़ाना विशेष रूप से सुखद समाचार लाता है तथा आकस्मिक घटनाओं से बचाता है।
रामायण में हनुमान जी का विशेष योगदान:-
राम के जीवन और रामायण में हनुमान जी का विशेष योगदान है। राम भक्त हनुमान की राम के प्रति समर्पण और त्याग की व्याख्या रामचरितमानस में बताई गई है। हनुमान जी ने संजावनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की, समुद्र पार कराने में राम जी ने अदभुत भूमिका निभाई थी। तुलसी दास जी ने हनुमान जी के बारे में कहा है कि ‘संकट कटे मिटे सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बल बीरा’।