नई दिल्ली। धनतेरस से लेकर दीवाली तक दियों की जगमहाहट आपको हर जगह देखने को मिलेगी। लोग खुशियों का स्वागत करने के लिए अपने घर को कुछ ऐसे सजाते है जैसे मानो घर में जुगनू की मौजूद हो। अंधकार की हार और उजाले के प्रतीक दीपावली के दिन लोग अपने घरो को न केवल रंग-बिरंगी लाइटों से बल्कि तेल के दीपक जलाकर भी घर में सौहार्द्र की कामना करते है। ऐसा माना जाता है जब भगवान राम रावण तका वध करके माता सीता के साथ अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था और इसी वजह से हम लोग दीपावली का त्योहार मनाते चले आ रहे है। लेकिन क्या आपको पता है आखिर ऐसी कौन सी और वजह है जिसकी वजह से ये त्योहार और भी खास हो जाता है।
राजा विक्रमादित्य का हुआ था राज तिलक:-
ऐसा कहा जाता है कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य की वजह से ही भारत की संस्कृति अस्तित्व में है। राजा अशोक ने मौर्य ने बौद्ध धर्म अपना लिया था और बौद्ध बनकर 25 साल राज किया था जिसकी वजह से भारत में सनातन धर्म लगभग समाप्ति पर आ गया था। लेकिन राजा विक्रमादित्य ही एक ऐसे राजा थे जिन्होंने फिर से अपनी संस्कृति को अस्तित्व में लेकर आए। इस दिन हिंदू धर्म के महान राजा विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था और उसी दिन दिवाली मनाई जाती है।
भगवान विष्णु ने लिया वमन अवतार:-
वमन अवतार भगवान विष्णु का पांचवा अवतार है। ऐसा कहा जाता है इस दिन भगवान ब्राम्हण बालक के रूप में धरती पर आए थे और वमन अवतार धारण करके लक्ष्मी जी को बाली की कैद से छुड़ाया था। इसी वजह से दीवाली मनाई जाती है।
भगवान कृष्ण ने किया नरकासुर का वध:-
नरकासुर एक राक्षस था, जिसका भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद करने के लिए संहार किया था। ऐसा कहा जाता है कि उसने 16, 000 हजार स्त्रियों को कैद कर रखा था जिन्हें कृष्ण भगवान कृष्ण ने छुड़ाया था और इसी वजह से दिवाली के ठीक एक दिन पहले ‘नरक चतुर्दशी’ मनाई जाती है।
12 साल बाद आए थे पांडव वापस:-
ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन यानि कि कार्तिक अमावस्या के दिन पांडव 12 साल के अज्ञातवास के बाद वापस आए थे। पांडवों को मानने वाली प्रजा ने इस दिन दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।
जैन समुदाय के लिए है खास दिन:-
यह दिन जैन समुदाय के लिए भी खास है। इस दिन जैन गुरु महावीर ने निर्वान की प्राप्ति की थी इसलिए जैन समुदाय भी दिवाली मनाता है।
इसी दिन लौटे थे अयोध्या:-
रावण का वध करके 14 साल के वनवास के बाद राजा राम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे। इस दिन नगरवासियों ने पूरे नगर को सजाकर दिये जलाए थे। तब से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
महार्षि दयानंद ने की निर्वान की प्राप्ति :-
महार्षि दयानंद ने इस दिन निर्वान की प्राप्ति की थी। इसलिए भी दिवाली एक खास त्योहार है।
हरगोबिंद को कैद से किया गया रिहा:-
सिक्ख समुदाय के लिए भी यह त्योहार खास है। इस दिन छठे सिक्ख गुरु हरगोबिंद को 52 अन्य राजाओं के साथ ग्वालियर फोर्ट में कैद से छोड़ा गया था।