Breaking News featured देश भारत खबर विशेष

22 साल बाद भी गुजरात में 5 वीं बार चला नमो का जादू

namo ka magic 22 साल बाद भी गुजरात में 5 वीं बार चला नमो का जादू

नई दिल्ली। आखिरकार गुजरात का रण भाजपा के पाले में ही आ गया। जहां कांग्रेस और उसके सहयोगी भाजपा से 22 सालों का हिसाब मांग रहे थे। वहीं जनता के जनादेश के बाद ये साफ हो गया कि भाजपा ने 22 सालों में विकास की राजनीति जो की है वो सफल है। विकास जो कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने पागल करार दिया था। राहुल गांधी ने नोटबंदी को वोटबंदी में बदलने की गुहार लगाई थी। वो वाकई में कांग्रेस के लिए वोटबंदी ही साबित हुई। जहां जीएसटी को लेकर राहुल गांधी ने साफ किया था कि ये गब्बर सिंह टैक्स है उसी गब्बर सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस को एक कदम पीछे कर दिया है।

namo ka magic 22 साल बाद भी गुजरात में 5 वीं बार चला नमो का जादू

गुजरात पर मोदी-शाह की गणित
गुजरात चुनाव में शुरूआत में जहां भाजपा खामोश रही और विपक्ष के तीरों के देख रही थी। वहीं जब मोदी और साथ की जुगलबंदी ने गुजरात में फ्रंटफुट पर आकर खेलना शुरू किया तो ना पाटीदार आंदोलनों का असर दिखा ना ही पागल विकास की बात हुई। इसके बाद तो मुद्दे भी भाजपा तय करती थी और कांग्रेस के साथ उसके सहयोगी इन्ही मुद्दों में उलझे और फंसे नजर आए जिस मुद्दे को लेकर गुजरात चुनाव में राहुल गांधी और उनके सहयोगियों ने दम भरा था वो मुद्दे तो चुनाव का रंग चढ़ने के पहले ही गायब हो गए। इसके बाद केवल भाजपा ने पूरे चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को अपने मुद्दों पर खेलने के लिए मजबूर कर दिया।

कांग्रेस को फंसा दिया विवादों के चक्रव्यूह में
कांग्रेस ने विकास के मु्द्दे को लेकर अपना चुनावी समर शुरू किया था। इसके बाद पाटीदारों को अपने साथ लाने के लिए आरक्षण को भी मुद्दे से जोड़ लिया। जिसका असर उसके गैर पाटीदार वोटों पर भी पड़ा। भाजपा ने पाटीदार और गैरपाटीदार चुनाव का दांव जमकर खेल लिया। लेकिन इसके साथ ही टिकटों के बंटबारे में पाटीदारों को जगह देकर भाजपा ने पाटीदारों के वोटों में भी सेंधमारी कर दी। वहीं चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को उलझाने के लिए एक-एक कर नए मुद्दों की जंग छेड़ दी। वही अपशब्दों की बात तो कभी मंदिर और मस्जिद की बात जब कुछ ना रहा था जाति और धर्म की राजनीति की इंट्री भी हो गई । भाजपा के व्यूह में कांग्रेस और उसके सहयोगी इस तरह फंसे की निकलना ही नामुमकिन हो गया।

कायम है मोदी का मैजिक
गुजरात के रण में मोदी कई इंट्री के साथ ही विपक्ष का सारा खेल खत्म होने लगा। जहां विकास को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार से लेकर भाजपा से 22 सालों का हिसाब मांगने के लिए अपना सवाल रख रहे थे। वहीं जनता की नब्ज को पड़ते हुए मोदी ने लगातार एक के बाद एक इंट्री कर ली। जिसने राहुल के साथ उनके सहयोगियों को अपने चक्रव्यूह में ऐसा उलझा दिया। जिसके बाद उनका वहां से निकलना मुश्किल हो गया। जो कि पूरे चुनाव में मुद्दे पर वापस कभी नहीं आ पाए और एक तरफा भाजपा की रणनीति का शिकार होकर रह गए। इसके साथ ही जनता के जनादेश को देखा जाए तो जनता ने गुजरात में बीजेपी नहीं बल्कि मोदी के मैजिक को सलाम किया है। ये बात खुल कर सामने आई है।

पाटीदारों के लिए मोदी और शाह का दांव पड़ा भारी
हार्दिक के साथ कांग्रेस ने हाथ मिलकर गुजरात में जातीय राजनीति का कार्ड खेलना चाहा वहां पर उसका वह दांव उल्टा पड़ गया। गुजरात के रण में पाटीदारों को लेकर कांग्रेस के साथ हार्दिक का खेल भाजपा ने तार तार कर दिया। पहले तो हार्दिक के आंदोलनों और पाटीदारों की राजनीति का सच वायरल कर दिया। इसके बाद पूरे चुनाव को पहले ही पाटीदार बनाम गैर पाटीदार बनाया जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा। इसके बाद इस चुनाव की दंगल में पाटीदारों को ही टिकट देकर भाजपा ने इसके पाटीदार वोट बैंक में सेंधमारी कर रही सही कसर पूरी कर दी।

Piyush Shukla 22 साल बाद भी गुजरात में 5 वीं बार चला नमो का जादूअजस्र पीयूष

Related posts

उल्का पिंड किस तरह लोगों को बना रहा अमीर?

Mamta Gautam

UP Budget: योगी सरकार प्रदेश के इन लोगों को देगी बीमा सुरक्षा कवच

Shailendra Singh

उत्तराखंड आपदा: यूपी के लखीमपुर जिले के दो भाइयों समेत 26 लोग लापता, परिवारों में मचा कोहराम

Pradeep Tiwari