सूबे में सत्ता पलटने के बाद अब रुके हुए कामों को भी हरी झंडी मिलने लगी है। ऐसे में 14 सला पुराना मामला भी तीन महीने में ही खत्म हो गया है। दरअसल प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अब ग्रेटर नोएडा के जेवर में एयरपोर्ट बनाने को केंद्र की तरफ से भी हरी झंडी दिखा दी गई है और इस प्रोजेक्ट में 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश तय किया गया है।
एयरपोर्ट को बनाने के लिए 3 हजार हेक्टेयर जमीन को पहचाना गया है। वही जमीन के अधिग्रहण में पहले 1 हजार हेक्टेयर जमीन को एयरपोर्ट के लिए तैयार किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट देश का कार्गो हब बनेगा। इस मामले में केंद्रीय मंत्री जयंत सिंहा का कहना है कि नोएडा एयरपोर्ट में आने वाले सालों में लोगों की जरूरत को देखते हुए इसका जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पूरा किया जाएगा। इस एयरपोर्ट को बनाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश से पीपीपी मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा। वही इस एयरपोर्ट के बन जाने से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस संबंध में बताया कि दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में हर साल 6 करोड़ यात्री आते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले सालों में इसकी संख्या काफी हद तक बढ़ जाएगी। और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में आने वाले वक्त में 11 करोड़ यात्रियों के आने का अनुमान है। वही यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एयरपोर्ट की कमी देखी जा रही थी।
वही यूपी सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार की तरफ से भी हरी झंडी दिखा दी गई। वही एयरपोर्ट बन जाने के बाद यह दिल्ली एनसीआर का दूसरा एयरपोर्ट कहलाएगा। और जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से पहचाना जाएगा। हालांकि इस एयरपोर्ट के लिए लोगों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में अगले 10 से 15 सालों में यह एयरपोर्ट कई यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाने के लिए तैयार हो जाएगा। जानकारी के हिसाब के इस एयरपोर्ट का मामला पिछले लंबे वक्त से लंबित था। ऐसे में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस एयरपोर्ट को केंद्र की तरफ से हरी झंडी दिखा दी गई है।
आपको बता दें की सूबे में मायावती सरकार ने इस एयरपोर्ट को बनाने की मंजूरी दे दी थी। लेकिन बाद में जब सत्ता पलट हुई तो अगले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस फैसले पर रोक लगा दी क्योंकि वह इस एयरपोर्ट को आगरा में बनवाना चाहती थी। लेकिन तब भी केंद्र सरकार की तरफ की तरफ से इसे अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई गई। ऐसे में सूबे में बीजेपी की सरकार आने के बाद सीएम योगी ने इसे फिर से बनवाने का विचार किया है।