उत्तराखंड। कोरोना महामारी के इस भयानक दौर में ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए है। देश में बेरोजगारी की समस्या तो हमेशा से ही बनी हुई है। सभी राज्यों द्वारा इस समस्या को दूर करने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सराकर अनेक सरकारी पदों पर भर्तियां निकाल रही है। इसी बीच उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की बंपर भर्ती होने वाली है। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से दो हजार पदों पर भर्ती करने का प्रस्ताव मिला है। इसके लिए बोर्ड ने लिखित परीक्षा के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। जल्द ही इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल 725 और दो डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस की 200 सीटें हैं।
काउंसिलिंग के बाद एमबीबीएस की 155 सीटें खाली-
बता दें कि उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड में वर्तमान में 763 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोर्ड एक माह के भीतर साक्षात्कार लेकर डॉक्टरों की चयन सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंप देगा। इसके अलावा बोर्ड के पास चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग से नर्सों, पैरामेडिकल के एक-एक हजार पदों के प्रस्ताव आए हैं। इन पदों पर जल्द भर्ती करने के लिए बोर्ड ने लिखित परीक्षा के लिए टेंडर जारी दिए हैं। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डीएस रावत ने बताया कि बोर्ड को चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से नर्सों व पैरामेडिकल स्टाफ के लगभग दो हजार पदों के प्रस्ताव मिले हैं। नर्सों और पैरामेडिकल पदों का चयन लिखित परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने टेंडर जारी कर दिए हैं। वर्तमान में बोर्ड की ओर से डॉक्टरों के 763 पदों के लिए साक्षात्कार की प्रक्रिया चल रही है। एक माह के भीतर चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद एमबीबीएस की 155 सीटें खाली रह गई हैं। वहीं, दो डेंटल कॉलेजों में बीडीएस की 130 सीटें भी अभी खाली हैं। इनके लिए दूसरे चरण की काउंसिलिंग जल्द आयोजित होगी।
ऑल इंडिया मैनेजमेंट कोटा की 68 सीटें-
चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय ने छह से 13 नवंबर के बीच पहले चरण की नीट यूजी काउंसलिंग की, जिसमें एडमिशन के लिए 18 नवंबर आखिरी तिथि तय की गई। एमबीबीएस की खाली सीटों में स्टेट कोटा की 87 और ऑल इंडिया मैनेजमेंट कोटा की 68 सीटें हैं। वहीं, बीडीएस में स्टेट कोटा की 67 और ऑल इंडिया मैनेजमेंट कोटा की 63 सीटें हैं। मेडिकल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. विजय जुयाल ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में स्टेट कोटा की 14 अनारक्षित व दो एससी, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में नौ अनारक्षित, दून मेडिकल कॉलेज में सात अनारक्षित, चार एससी, दो एसटी एसजीआरआर में 12 अनारक्षित, 9 एससी, एक ओबीसी, दो एसटी, जौलीग्रांट मेडिकल कॉलेज में 14 अनारक्षित, छह एससी, एक ओबीसी, तीन एसटी की सीटें खाली हैं। मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, श्रीनगर और दून में एक-एक सीट आतंकवाद पीड़ितों के आरक्षितों और कश्मीरी माइग्रेंट के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा सीमा डेंटल कॉलेज में बीडीएस की 18 अनारक्षित, नौ एससी, चार ओबीसी व दो एसटी और उत्तरांचल डेंटल कॉलेज में 20 अनारक्षित, नौ एससी, पांच ओबीसी सीटें खाली हैं।