कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच देश को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है और वह यह कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दो टीके तैयार कर लिए गए हैं।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच देश को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है और वह यह कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दो टीके तैयार कर लिए गए हैं। चूहों और खरगोशों पर इसका परीक्षण सफल हो गया है। अब इसका ह्यूमैन ट्रायल भी शुरू हो गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को इस बाबत जानकारी दी है। उसने बताया कि कोविड-19 के लिए दो देसी टीकों का परीक्षण लगातार आगे बढ़ रहा है। चूहों और खरगोशों पर इनकी टॉक्सिसिटी अध्ययन कर लिए गए हैं।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि अध्ययन के आंकड़े देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) के पास भेज दिए गए हैं, जहां से दोनों वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण करने की अनुमति मिल गयी है। उन्होंने कहा कि इसी महीने हमें इंसानों पर प्राथमिक चरण के परीक्षण की अनुमति मिल गयी। दोनों टीकों के लिए परीक्षण की तैयारी हो चुकी है और दोनों के लिए करीब 1-1 हजार लोगों पर इसकी नैदानिक अध्ययन भी हो रहा है।
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बता दें कि भार्गव ने कहा कि दुनिया में इस्तेमाल होनेवाले 60 फीसदी टीके भारत में बनते हैं। यह बात दुनिया के हर देश जानते हैं। इसलिए दुनिया के तमाम देश भारत से संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि रूस ने भी टीके बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है और उसे प्राथमिक चरणों में सफलता भी मिली है। रूस टीका विकसित करने में तेजी लाया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, चीन भी टीका तैयार करने में जोर-शोर से जुटा हुआ है। वहां वैक्सीन पर बड़ी तेजी से अध्ययन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी दो टीकों पर काम तेजी से हो रहा है। इसके अलावा, इंग्लैंड का ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय भी वैक्सीन पर तेजी से काम बढ़ाने की ओर अग्रसर है। वह इन टीकों का ह्यूमैन ट्रायल के लायक बनाने को लेकर काम कर रहे हैं।