नई दिल्ली। बिहार में नवरात्र जुलूस को लेकर हुई हिंसा का मामला लगातार गरमाता ही जा रहा हैं और एक के बाद एक नई हिंसा की खबर सुनने को मिल रही हैं। बता दे कि
बिहार के औरंगाबाद और समस्तीपुर जिले में हुई सामुदायिक हिंसा के मामलों में अभी तक 122 लोगों की गिरफ्तार कर लिया गया है। औरंगाबाद में जहां कई गिरफ्तार हुए हैं वहीं समस्तीपुर के रोशेरा पुलिस थाना क्षेत्र में एक मस्जिद पर कथित रूप से पत्थर फेंके जाने को लेकर तनाव बरकरार है और हिंसा बढ़ती जा रही हैं।
इस मामले में जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी की ओऱ से बीजेपी से ऐसी गतिविधि में शामिल न हो या उसका समर्थन न करे जिससे विपक्ष को सत्तारूढ़ गठबंधन वाली सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल सके।
सामाजिक विरोधी तत्वों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में 122 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। बता दे कि डीएम रंजन महिवाल की ओर से कहा गया हैं ‘स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है।’ उन्होंने कहा कि अफवाहों को रोकने के लिए सोमवार से इंटरनेट सेवा बंद की गई है। महिवाल ने कहा कि हिंसा से जुड़ी तीन एफआईआर में 500 से अधिक लोगों पर आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा, ‘सीसीटीवी फुटेज की मदद से पहचानकर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।’
समस्तीपुर के रोशेरा में, मंगलवार सुबह भीड़ ने एक मस्जिद में कथित तौर पर पत्थर फेंके। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सोमवार शाम मस्जिद के पास एक मूर्ति विसर्जन जुलूस पर चप्पल फेंक दिया गया था और मंगलवार को इसके जवाब में ही कथित पत्थरबाजी की गई। दरभंगा क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराड़ ने इसे लेकर कहा कि जुलूस मस्जिद के करीब से जा रहा था जब चप्पल की एक जोड़ी गलती से एक घर की छत से उसपर गिर गई। रोशेरा पुलिस थाने के एसएचओ डीएन सहाय ने कहा कि हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बल फौरन भेजा गया था जिनमें से एएसपी और डीएसपी सहित 10 पुलिस घायल हो गए।
बता दे कि यें घटना नवरात्र के दौरान निकाले गए जुलूस को लेकर जो कि गरमाती ही जा रही हैं। और िबहार की कानून व्यवस्था की खिल्ली उड़ाकर रख दी हैं। बता दे कि बिहार में घटित इस घटना से विपक्ष लगातार नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।