नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 58वां दिन है 10 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकाला। अब सरकार और किसानों के बीच 11वें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में जारी है। किसानों ने सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है और कानून को रद्द करने की मांग की है। कृषि कानून के मसले पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई। आज की बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि हम इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकते। सरकार और किसानों के बीच अगली वार्ता की तारीख तय नहीं हुई है।
आपको बतादें कि सरकार की ओर से किसानों के सामने प्रस्ताव रखा गया था जिसके मुताबिक सरकार दो साल के लिए कानून टालने को राजी है और एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें सरकार और किसान दोनों ओर के सदस्य मौजूद होगें। लेकिन अभी फिलहाल बैठक में किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव पर कहा कि हमें ये स्वीकार नहीं हैं। हम तीनों कानूनों के वापसी के बिना आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे।
सरकार बोली- एक बार फिर करें चर्चा-
किसान संगठनों और सरकार के बीच बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने जो प्रस्ताव दिया है वह आपके हित के लिए है। इससे बेहतर हम कुछ नहीं कर सकते। अगर आप का विचार बने एक बार सोच लीजिए। हम फिर मिलेंगे, लेकिन अगली कोई तारीख तय नहीं की गई।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं तो ये कल भी हो सकती है लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है। कृषि मंत्री ने बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया।