देहरादून। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने सदन में हंगामा किया। उनका आरोप था कि आपदा से प्रभावित 11 अनुसूचित जाति के परिवार पिछले कई महीनों से धारचूला के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शरण ले रहे हैं।
सदस्य ने दावा किया कि इन परिवारों ने आपदा में अपने घरों को खो दिया था जो बारिश के मौसम में इस क्षेत्र से टकराते थे और सरकार द्वारा पेश किए गए मुआवजे के कारण वे अपने घरों को फिर से बनाने में सक्षम नहीं होते हैं। धामी ने कहा कि ये परिवार कई दिनों से धारचूला के सिनाया खोला के प्राथमिक विद्यालय में शरण लेने के लिए मजबूर हैं और सरकार उनकी दुर्दशा को हल करने के लिए कुछ नहीं कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि हाल ही में यहां रहने वाली एक महिला की मृत्यु हो गई थी, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों को अन्य ग्रामीणों द्वारा स्कूल के अंदर eschatological (मौत से संबंधित) संस्कार रखने की अनुमति नहीं थी। धामी ने कहा कि आपदा के कारण घर को पूर्ण क्षति के मुआवजे के रूप में केवल 1,19,000 रुपये का भुगतान किया जाता है जो अपर्याप्त है। उन्होंने मांग की कि सरकार को अपनी आपदा नीति में संशोधन करना चाहिए और मुआवजा राशि को कम से कम सात लाख तक बढ़ाना चाहिए।