उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल प्रदेश के छितकुल में ट्रैकिंग पर गए आठ पर्यटकों समेत 11 लोग लापता हो गए थे। 11 लापता लोगों में से 5 शवों को एसडीआरएफ और वायु सेना द्वारा देखा और एक व्यक्ति को जीवित रेस्क्यू किया गया। अन्य लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है।
वहीं समुद्रतल से करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लम्खागा पास चोटी में यह दल लम्खागा पास के लिए ट्रैकिंग करने निकला था, लेकिन 17,18 और 19 को मौसम खराब होने के कारण यह दल लापता हो गया है। इस दल में आठ सदस्य, 1 कुक और दो गाइड शामिल हैं। जबकि, इसी दल के साथ गए छह हिमाचल के पोर्टर 18 अक्तूबर को पर्यटकों का सामान छोड़कर छितकुल के रानीकंडा पहुंच गए हैं। संभावना जताई जा रही थी कि 19 अक्तूबर तक पर्यटक और कुकिंग स्टाफ छितकुल पहुंच जाएंगे, लेकिन बुधवार सुबह तक पर्यटक दल और कुकिंग स्टाफ का कोई पता नहीं चला पाया। लेकिन आज बचाव दल द्वारा 5 लोगों के शव और एक ब्यक्ति को जीवित रेस्क्यू किया गया अन्य की खोजबीन जारीआर्मी ने खतरनाक रैस्क्यू ऑपरेशन चलाकर, भूस्खलन में फेस लोगो को बचाया।
उत्तराखंड के आपदा प्रभावित रामगढ़ क्षेत्र में आर्मी ने खतरनाक रैस्क्यू ऑपरेशन चलाकर भूस्खलन में फंसे परिवारों को उफनते नाले से पार कराया, नैनीताल जिले के रामगढ़ स्थित बोहराकोट क्षेत्र में फंसे संतोष सिसोदिया के परिवार और रिश्तेदारों को तेज बहाव वाले गधेरे से सुरक्षित रैस्क्यू कर सेना के जवानों ने बचाया । परिवार के आपदा में फंसने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने रानीखेत से आई 14 डोगरा बटालियन और हल्द्वानी मिलिट्री स्टेशन की रैस्क्यू टीमों को रैस्क्यू के लिए मौके पर भेजा । हालातों को समझते हुए आर्मी ने ऑपरेशन शुरू किया और नाले पर अस्थाई पुल बनाया ।
आर्मी के जवानों ने पीड़ित परिवार को ह्यूमन चेन बनाकर घर से टूटी फूटी सड़क के रास्ते नाले तक पहुंचाया । आर्मी के जवानों ने नाले में बने पुल के ऊपर एक रस्सी आरपार बांध दी और खुद नन्हें मुन्ने बच्चों को पुल पार कराया । इतना ही नहीं, एक जवान तो इन्हें सुरक्षा देने के लिए नदी में खड़ा रहा तांकि कोई अनहोनी से बचा जा सके । आर्मी के इस अभियान की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है । पीड़ित परिवार ने तो इसे दुनिया की सबसे बेहतरीन आर्मी बता दिया ।