नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने डीजल वाहनों को प्रदूषण का अहम कारण बताते हुए सोमवार को 10 वर्ष से अधिक पुराने सभी डीजल वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंधित कर दिया। एनजीटी ने यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू किया है। एनजीटी ने दिल्ली में सभी डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बीते वर्ष दिए अपने आदेश को बहाल करते हुए दिल्ली के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) को राजधानी में 10 वर्ष से पुराने सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का आदेश दिया। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में ऑड/इवन फॉर्मूला भी वायु की गुणवत्ता सुधारने में नाकाम रहा है।
न्यायाधीश स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “इसमें कोई विवाद नहीं है कि डीजल वाहनों के कारण दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है। यहां तक कि ऑड/इवन फॉर्मूला भी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में सुधार लाने में मददगार साबित नहीं हो सका। पुराने डीजल वाहनों की प्रदूषण फैलाने में अहम भूमिका है।”
इसके अलावा एनजीटी ने आरटीओ से पंजीकरण रद्द कर दिए गए वाहनों की सूची दिल्ली पुलिस को मुहैया कराने के लिए भी कहा है ताकि वे नियम का उल्लंघन होने की दशा में उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकें। वर्धमान कौशिश की याचिका पर एनजीटी ने यह फैसला दिया है। कौशिक ने 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों के साथ-साथ 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। एनजीटी ने सात अप्रैल, 2015 को 10 वर्ष से पुराने डीजल वाहनों पर दिल्ली में प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। एनजीटी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, लेकिन एनजीटी ने उसे खारिज कर दिया।
हालांकि, इस आदेश के बावजूद दिल्ली में पुराने डीजल वाहन पर्यावरण संरक्षण अधिकारियों के सामने चुनौती पेश करते रहे। दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग इससे पहले कह चुका है कि उनके पास डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार नहीं है और केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत सिर्फ आरटीओ के पास इसका अधिकार है।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को आरटीओ से सभी पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने से संबंधित सर्वाजनिक सूचना जारी करने के लिए कहा।
(आईएएनएस)