नई दिल्ली। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम प्रकाशन से पहले असम में तैनात 10,000 अर्धसैनिकों को सरकार ने वापस बुलाने का फैसला कर लिया है।
इसके पीछे का कारण बताते हुए सरकार ने कहा कि असम में कभी भी हिंसा नहीं हुई, क्योंकि पूर्वोत्तर राज्य के भारतीय नागरिकों की वैधता की पुष्टि 31 अगस्त को की गई थी। आपको बता दें कि अद्यतन अंतिम एनआरसी में 19 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अंतिम एनआरसी के प्रकाशन से पहले कानून और व्यवस्था की स्थिति के रखरखाव के लिए असम में अर्धसैनिक बलों की 218 कंपनियों को तैनात करने के लिए 19 अगस्त को एक निर्णय लिया गया था।
चूंकि असम में शांति कायम है, इसलिए राज्य के हालात पर शुक्रवार को गृह मंत्रालय द्वारा समीक्षा की गई। अधिकारी ने कहा कि समीक्षा के बाद अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया गया है। अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों में 50 बीएसएफ, 10 सीआरपीएफ, 16 आईटीबीपी और 24 एसएसबी की हैं। अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मचारी शामिल होते हैं।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि असम में तैनाती से पहले सैनिकों को अपने संबंधित ठिकानों पर लौटने के लिए निर्देशित किया गया था। अंतिम एनआरसी के अनुसार, कुल 3.3 करोड़ आवेदकों में से, सूची में शामिल 3.11 करोड़ और लगभग 19 लाख निवासियों के नामों को इससे बाहर रखा गया था।