नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत देश के 10 और शहरों को इस योजना से जोड़ दिया है। इन दस शहरो में उत्तर प्रदेश के बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर व बिहार के बिहार शरिफ समेत 6 शहर अन्य शहर शामिल हैं। इस घोषणा के तहत कि स्मार्ट सिटी बनने वाले शहरों की संख्या 99 हो गई है। देश की पहली स्मार्ट सिटी बनने की दौड़ में सूरत सबसे आगे हैं, हालांकि सरकार लोकसभा चुनावों से पहले स्मार्ट सुविधाओं से युक्त कम से कम दस शहर लोगों के सामने रखने की तैयारी कर रही है। जून 2015 में शुरू हुए मिशन में शुरुआत में सौ स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की गई थी। बाद में सभी राज्यों की राजधानियों को इसमें शामिल करने से इनकी संख्या बढ़ गई है।
राज्यों के हिसाब से स्मार्ट सिटी के शहरों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के 13 शहर स्मार्ट सिटी बनने के लिए लाइन में है। राज्य को अभी तीन स्मार्ट सिटी और मिलनी है। बिहार के हिस्से की सभी चार, झारखंड, उत्तराखंड व दिल्ली के हिस्से की एक एक स्मार्ट सिटी की घोषणाएं हो चुकी हैं। शुक्रवार को शहरी आवास व विकास मंत्री हरदीप पुरी ने स्मार्ट सिटी प्रतिस्पर्धा के चौथे चरण में जिन नौ नए स्मार्ट सिटी की घोषणा की उनमें उत्तर प्रदेश के तीन व बिहार के एक शहर के साथ तमिलनाडु का इरोड, दमन व दीव का दीव, अरुणाचल प्रदेश का ईटानगर, दादरा नगर हवेली का सिलवासा और लक्षद्वीप का कवरत्ति भी शामिल है।
वहीं मेघालय के शिलांग की घोषणा वहां पर चुनाव को देखते हुए रोक ली गई है। इन नौ शहरों में लगभग 409 प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। चार शहरों सूरत, पुणो, वडोदरा व काकीनाडा में स्मार्ट सिटी केंद्रों ने काम करना शुरू कर दिया है,जबकि 18 अन्य शहरों में इन पर तेजी से काम चल रहा है। 11 अन्य शहरों में टेंडर मंजूर हो चुके हैं। बता दें कि नौ स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर 2,03,979 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। अभी तक जो परियोजनाएं शुरू की गई हैं उनमें केंद्र ने 9,900 करोड़ और राज्य सरकारों ने 2,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। बाकी धन अन्य संसाधनों से जुटाया जा रहा है।