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राज्य निःशक्त जन स्त्रोत संस्थान में 1 हजार करोड़ का घोटाला, HC ने दिया मूल दस्तावेज जब्त करने का आदेश

छत्तीसगढ़ HC राज्य निःशक्त जन स्त्रोत संस्थान में 1 हजार करोड़ का घोटाला, HC ने दिया मूल दस्तावेज जब्त करने का आदेश

बिलासपुर। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने राज्य निशक्तजन स्त्रोत संस्थान और फिजिकल रिफरल रिहेबिलीटेशन में हुए एक हजार करोड़ रुपये के घोटाला मामले में सीबीआई को एक सप्ताह के अंदर एफ आई आर दर्ज कर 15 दिनों में मूल दस्तावेज जब्त कर स्वतंत्र व् निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री रेणुका सिंह से इस संबंध में कन्सर्न लेने का भी निर्देश दिया है।

बता दें कि उल्लेखनीय है कि रायपुर निवासी कुंदन सिंह, समाज कल्याण विभाग के राज्य निशक्तजन स्त्रोत संस्थान में संविदा कर्मचारी के पद पर कार्यरत था। जब खुद को स्थायी करने का आवेदन विभाग को दिया। तब उसे यह जानकारी दी गई की वह सीधे-सीधे समाज कल्याण विभाग का नही,वरन फिर्जिकल रिफरल रिहेबिलिट्शन का स्थाई कर्मचारी है। उसका नियमित रूप से वही से वेतन निकल रहा है।यह पता चलने के बाद  उसने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली। इस पर उसे पता चला कि अधिकारियों ने साठगांठ कर कर्मचारियो की नियुक्ति कर घोटाला किया है।

वहीं निशक्तों के नाम पर हुई इस गड़बड़ी के खिलाफ कर्मचारी ने अधिवक्ता देवर्षी ठाकुर के माध्यम से याचिका दाखिल की थी। उक्त याचिका में कोर्ट ने सीबीआई को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश के पूर्व चीफ सेक्रेटरी विवेक ढांड, एम के राउत, आलोक शुक्ला, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल, सतीश पांडे, पीपी सोंठी, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, एमएल पांडेय, हेमन खलखो व् समाज कल्याण विभाग के संचालक पंकज वर्मा को नामजद करने का निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि उत्तरवादी उच्च रैंक के है, इस संबंध में सीबीआई स्वतंत्र रूप से सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन से स्वतंत्र जांच करे, यदि इस कोर्ट से किसी और निर्देश की आवश्यकता हो तो सीबीआई आवेदन दे सकती है।

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