नई दिल्ली। सपा में चला महासंग्राम 48 घंटे के बाद समाप्त हो गया। सपा के संग्राम ने पूरे देश की सियासत को गर्मा कर रख दिया था, कोई इसी पहले से लिखी-लिखाई कहानी बता रहा था तो कोई इस को सुलझाने की बात कह रहा था। लेकिन इस पूरे प्रकरण पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। यूपी में 48 घंटे से ज्यादा चले सियासी संग्राम पर केंद्र सरकार ने यूपी के राज्यपाल से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को मिलने वाले टिकट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ा था। मुलायम सिंह यादव के भाई और सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जिसमें अखिलेश के करीबियों का टिकट काट दिया गया। ऐसे में अखिलेश यादव ने नाराज होकर शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिसमें उनके दूसरे चाचा और सपा के महासचिव प्रो. राम गोपाल ने साथ दिया। इससे नाराज होकर सपा मुखिया मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रो. राम गोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकालने का आदेश जारी कर दिया था।
अखिलेश को पार्टी से निकालते ही अखिलेश के समर्थकों ने सड़क पर उतर कर हंगामा शुरू किया था, जिसके बाद आजम खान द्वारा हस्तक्षेप किया गया और यह पूरा मामला शांत हो गया।