नई दिल्ली। दिलवालों की दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने का कि अब से दिल्ली में गाजीपुर स्थित कचरे के ढेर का उपयोग सड़क निर्माण में होगा। ‘इंडिया हेल्थ एंड वेलनेस समिट एंड अवार्ड’ सम्मेलन के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में गडकरी ने कहा कि दिल्ली विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी बन चुकी है और इससे देश की छवि भी खराब हो रही है। पर्यटन उद्योग को नुकसान हो रहा है, स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है और उनका चिकित्सा पर खर्च बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में एक जिम्मेदार नागरिक और मंत्री होने के नाते उन्होंने अपने विभाग के जरिए प्रदूषण को कम करने के उपाय सोचने शुरू कर दिए हैं।
गडकरी ने कहा, ठोस कचरा प्रबंधन और तरल कचरा प्रबंधन हमारी दो समस्याएं हैं। हमें इन समस्याओं से निपटने के लिए कचरे का एक मूल्य उत्पन्न करना होगा और साथ ही वैज्ञानिक तकनीक के जरिए इसे दूसरी जगह उपयोग में लाना होगा। दिल्ली में गाजीपुर में कचरे का बड़ा ढेर है। इससे लोगों को भी काफी समस्याएं होती हैं। कारण यह है कि इससे बदबू निकलती है और हवा को प्रदूषित करती है। एक दिन मेरे मन में आया कि यह कचरा सड़क निर्माण में क्यों नहीं उपयोग में लाया जा सकता। इसी कारण हमारे यहां जो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस हाइवे बना रहे हैं, उनसे पूछा कि क्या इस कचरे का उपयोग इस सड़क के निर्माण में कर सकते हैं? तब उन्होंने कहा कि नहीं यह नहीं हो सकता।
गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण विशेषज्ञों द्वारा अपना प्रस्ताव नकारे जाने के बाद भी वह निराश नहीं हुए और अपनी जिद पर अड़े रहे। गडकरी ने कहा, मैंने उनसे पूछा कि क्या आप व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर ऐसा कह रहे हैं या फिर आपने इस संबंध में कोई जांच या शोध कराया है। तब उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा तो नहीं हुआ है। तब मैंने उनसे कहा कि पहले आप इस कचरे के ढेर को चेक करिए और फिर मुझे बताइए।
इसके बाद उन्होंने यह जांच का काम सेंट्रल रिसर्च लैब को दिया। लैब ने छह महीने तक इस कचरे के ढेर पर प्रयोग किया। बाद रिपोर्ट में कहा गया है कि मेटल, प्लास्टिक और कांच को अलग करने के बाद जो कचरा बचता है, उसे सड़क निर्माण के पहले चरण में उपयोग में लाया जा सकता है। अब मैं खुशी के साथ कह सकता हूं कि हम आने वाले कुछ समय में गाजीपुर लैंडफिल का पूरा कचरा वहां से हटा देंगे, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। हमें प्रदूषण को लेकर जागरूक होना होगा और साथ ही लोगों को भी जागरूक करना होगा क्योंकि यह किसी एक से जुड़ा मुद्दा नहीं बल्कि जनमानस को प्रभावित करता है। ऐसे में इसे रोकने या फिर कम करने की जिम्मेदारी हर किसी की है।