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राफेल पहुंचा भारत: भारत की ताकत को देख दुश्मन देशों की बढ़ी मुश्किल

rafel 1 राफेल पहुंचा भारत: भारत की ताकत को देख दुश्मन देशों की बढ़ी मुश्किल

राफेल भारत की शान बढाने के लिए भारत पहुँच चूका है। जिससे भारत एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। भारत के पास राफेल जैसे लड़ाकू विमान भी अब मौजूद है। जो अब भारतीय सेना की एक बड़ी ताकत होगी। जाहिर तौर पर चीन का नजरिया भी अब भारत को लेकर बदलेगा। चीन की कोई भी कूटनीति अब भारत पर आसानी से काम नहीं करेगी। राफेल के आने से भारत की ताकत अब कई गुना बढ़ गयी है। राफेल को आज UAE से सीधा भारत लाया गया है। राफेल जेट की लैंडिंग हरियाणा के अम्बाला में की गयी है। लैंडिंग अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन पर की गयी है। राफेल की पहली खेप आज भारत पहुँच चुकी है। जिसमें पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिल गए है। एयरबेस पर तमाम तरह की तैयारी की गयी थी। अम्बाला शहर को भी चाक चौबंद किया गया था।

राफेल लड़ाकू विमान की गोपनीयता बनी रहे।

राफेल विमान की लैंडिंग होते ही देश को एक नयी ताकत मिल गयी। राफेल लड़ाकू विमान को कामांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकिरत सिंह के नेतृत्व में अंबाला एयरबेस पर उतारा गया है। ये विमान 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर अंबाला पहुंचे है। अंबाला एयरबेस के पास के 4 गॉवों में धारा 144 लगाई गयी है। लोगो को छतों पर चढ़ने पर भी पाबन्दी लगाई गयी है। साथ ही किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इसके साथ ही 4 से अधिक लोग एकत्र होने पर भी प्रतिबंध है। अंबाला शहर के भाजपा विधायक ने लोगो से घर पर रहकर शाम 7 बजे मोमबत्ती जलाने को कहा है। वायु सेना प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया रणनीतिक और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयरबेस पर बुधवार को 5 राफेल विमानों को प्राप्त कर उन्हें भारतीय वायु सेना में शामिल करेंगे। विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल करने के लिए मध्य अगस्त के आसपास समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

दुनिया का ताकतवर विमान है राफेल

सूत्रों के मुताबिक इन पांच विमानों में तीन विमान एक सीट वाले और दो विमान एक सीट वाले होंगे। अम्बाला में राफेल विमान के आने पर स्वागत समारोह में मीडिया को इज़ाज़त नहीं दी गयी है। भारतीय वायु सेना फिलहाल मीडिया से दूरी बनाना चाहता है। भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड रुपए का सौदा किया था। 6 राफेल प्रशिक्षु विमानों की पूंछ पर आरबी श्रंखला की संख्या अंकित होगी। आरबी एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया के नाम के पहले और अंतिम शब्द का संक्षिप्त रूप होगा। उन्होंने इस सौदे में मुख्य वार्ताकार के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राफेल विमान दुनिया का सबसे बड़ा लड़ाकू विमान माना जाता है। ये ताकतवर विमान अब भारत के पास भी मौजूद है। जिसने दुश्मन देशों को सकते में डाल दिया है।

चीन और पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किल

चीन और पाकिस्तान भारत की इस ताकत से पूरी तरह अचंभित है। चीन और भारत के बीच चल रहे विवाद के चलते जरुरत पड़ने पर राफेल विमान को एक हफ्ते में लद्दाख में तैनात भी किया जा सकता है। इस विमान में लगने वाली मिसाइल इस विमान को ताकतवर बनाती है। जिसकी सैकड़ो किलोमीटर तक की अचूक मार दुश्मनों के लिए चिंता का विषय बन गयी है। राफेल विमान मीटोर यानि एयर टू एयर मिसाइल से सुसज्जित होगा। इसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर है। यह बिना सीमा पार किए दुश्मन देश के विमान को तबाह कर सकता है. चीन और पाकिस्तान के पास यह क्षमता चिंता नहीं है।

राफेल की मिसाइल का नहीं है कोई जवाब

मीटोर के अलावा दूसरा मिसाइल इस स्काल्प होगा। स्काल्प की मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक की है। यह अपनी अचूक मारक क्षमता के लिए जाना जाता है। चीन के साथ विवाद के बीच भारत ने हैमर मिसाइल भी इमरजेंसी के तौर पर राफेल के लिए खरीदने का फैसला किया है। जिसकी मारक क्षमता 60 किलोमीटर है।राफेल भारतीय वायु सेना के 17 वें स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज़ का हिस्सा बनेगा जो राफेल विमान से सुसज्जित पहला स्क्वाड्रन है। फ्रांस से यूएई के यात्रा के दौरान राफेल विमान के साथ हवा में ईंधन भरने वाले 2 रिफ्यूलर अभी आएंगे। भारतीय वायुसेना के पायलट जिन्होंने राफेल विमान के उड़ान की ट्रेनिंग ली है वही विमान उड़ा कर लेकर भारत आये है।

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