Uttarakhand: हाई कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों के बर्खास्तगी आदेश के विरुद्ध दायर 55 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की। इस मामले पर नैनीताल उच्च न्यायालय से लगी रोक दर्शाती है कि यह कार्रवाई सिर्फ स्टंटबाजी थी।
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कर्मचारियों की नियुक्ति में नहीं अपनाई गई वैधानिक प्रक्रिया
इन कर्मचारियों की नियुक्ति में वैधानिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई और इन्हें हटाते समय भी किसी वैधानिक प्रक्रिया का अनुपालन किया गया। विडंबना यह है कि इस अवैधानिकता का लाभ नियुक्ति और बर्खास्तगी, दोनों ही बार बैक डोर इंट्री से आये कर्मचारियों को हुआ।
प्रदेश के आम युवाओं के साथ पुनः छल
अदालती रास्ते से राज्य की सत्ता में बारी बारी बैठने वाले भाजपा-कांग्रेस के चहेतों को अवैधानिक तरीके से बच निकलने का रास्ता भाजपा सरकार द्वारा दिया गया है। प्रदेश के आम युवाओं के साथ पुनः छल किया गया है। मेहनत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के मुँह पर यह करारा तमाचा है।