इस बार मुड़िया पूर्णिमा मेला 1 से 5 जुलाई को लगने वाला था। लेकिन कोरोना के कारण मुड़िया पूर्णिमा मेला को रके पांच दिन में 50 लाख के लगभग श्रद्धालुओं का आने का अनुमान रहता है। महामारी को फैलने से रोकने के लिए जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा द्वारा प्रमुख मंदिरों के सेवायत व जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मेला रोकने का आदेश दिया है।
कोरोना संक्रमण काल के चलते गोवर्धन के दानघाटी मंदिर, मुकुट मुखारविंद मंदिर, जतीपुरा मुखारविंद, लक्ष्मीनारायण मंदिर, हरिगोकुल पट बंद हो गई है। इन सभी मंदिर के पट आठ जुलाई तक बंद कर दी गई है।
गिरिराज जी के मंदिरों में दुग्धाभिषेक, छप्पन भोग व अन्य मनोरथ कार्यक्रम स्थगित चल रहे हैं। इसके बाद भी अनलॉक-1 में लोग गिरिराज जी की परिक्रमा करने आने लगे थे। मुड़िया पूर्णिमा मेला निरस्त होने के बाद प्रशासन ने परिक्रमा पर पूरी तरह से रोक दी गई है।
इसके अलावा राधाकुंड-छटीकरा मार्ग,छाता-गोवर्धन मार्ग, बरसाना-नंदगांव-गोवर्धन मार्ग, मथुरा मार्ग बैरियर लगा कर सील किए जाएंगे। गोवर्धन, राधाकुंड व संबंधित गांवों के रहने वाले लोगों का प्रवेश पहचान पत्र के आधार पर होगा। दिल्ली, राजस्थान की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को रोकने के लिए कोटवन बॉर्डर, एक्सप्रेसवे पर वृंदावन व राया कट, नरहौली पुल, बरसाना थाना बॉर्डर, राजस्थान बॉर्डर, कोथरा बॉर्डर, गोवर्धन चैराहा, मगोर्रा-कुम्हेर बॉर्डर की सीमाओं को सील कर दी गई है।