लखनऊ। कोरोना को रोकने के लिए अनुशासित होने की आवश्यकता है। कोरोना काल ने हमारी भौतिकतावादी सोच को बदला और आवश्यकतानुरूप जीना सिखाया। जब बाहरी सुख-सुविधाओं की चीजें बंद थी तो घर में परिवारों के बीच सम्बंध और भी मजबूत हुए। यह बातें विशेष सचिव नगर विकास इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कही। वह मंगलवार को प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इस महामारी ने लोगों को बिना दबाव के स्वयं अनुशासन का पालन करना सिखाया, जिससे प्रशासन को भी अपना काम करने में आसानी हुई। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की ओर से लोगों को सहायता पहुंचाई गई, जरूरी चीजें पहुंचाई गई। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में समाज का भरपूर सहयोग मिला, लेकिन दूसरी लहर में काफी लापरवाही भी देखी गयी, जिसका खामियाजा हम सभी ने भुगता है। इसलिए कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए हम सभी लोगों को फिर से अनुशासित होने की आवश्यकता है।
डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि हमारे देश के लोग व्यक्तिगत तौर पर दुनियाभर में सबसे ज्यादा साफ-सफाई रखते हैं, किन्तु सार्वजनिक चीजों को साफ-सुथरा रखने को हम अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। अब धीरे-धीरे इस व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है। साफ सफाई की जिम्मेदारी हम सबकी है।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा , सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे और शुभम सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।