नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण के वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है। अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों एवं महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना के तहत बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह प्रधानमंत्री
की अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजातियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की अपील के अनुरूप है जिससे कि वे रोजगार प्रदाता बनें न कि रोजगार मांगने वाले। यह योजना प्रति बैंक शाखा कम से कम दो ऐसी परियोजनाओं को सुगम बनाएगी जिसमें से उद्यमी की प्रत्येक श्रेणी के लिए एक सुविधा होगी। इससे कम से कम ढाई लाख उद्यमियों को लाभ पहुंचेगा।
सरकार ने दलितों के बीच एक उद्यमशीलतापूर्ण पारिस्थितकीय प्रणाली के निर्माण के लिए उद्योग संगठनों के साथ साझेदारी में एमएसएमई क्षेत्र में एक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति हब की स्थापना करने का भी प्रस्ताव रखा है। यह हब केंद्र सरकार खरीद नीति के तहत बध्यताओं को पूरी करने के लिए, वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अंगीकार करने के लिए तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ पहल का लाभ उठाने के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, उद्यमियों को व्यवसायिक समर्थन देगी।