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एडॉप्ट ए हेरीटेज’ स्कीम के तहत सरकार अभी कंपनियों को ताजमहल नहीं दे सकती,जानें क्यों

TAJ एडॉप्ट ए हेरीटेज' स्कीम के तहत सरकार अभी कंपनियों को ताजमहल नहीं दे सकती,जानें क्यों

ताजमहल, कंपनियों को रखरखाव के लिए देने के मामले में एक अधिकारी ने बताया कि ‘वहां बहुत कुछ हो रहा है। ताजमहल पर सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है। ये स्मारक बड़ा है और इसमें कई तरह के मुद्दे हैं। गौरतलब है कि गोद देने वाले स्मारकों की लिस्ट बड़ी है।लेकिन जरुरी नहीं कि हर एक पर्यटन को गोद दिया जाए। कमेटी इस पर फैसला करेगी कि अभी ताजमहल को गोद देने की आवश्यकता नहीं है।

TAJ एडॉप्ट ए हेरीटेज' स्कीम के तहत सरकार अभी कंपनियों को ताजमहल नहीं दे सकती,जानें क्यों

SC ने ताजमहल के संरक्षण ठीक से न होने पर ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया को फटकार लगाई

अधिकारी ने कहा कि हम इस पर (ताजमहल) पर काम कर रहे हैं। कुछ ऐतिहासिक स्मारक हैं जिन्हें तुरंत गोद देने की जरुरत नहीं है, इसमे ताजमहल भी है। इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण ठीक से नहीं कर पाने पर ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया को लताड़ लगाई थी। लिए स्मारकों को गोद दिया जाता है। स्कीम के तहत लाल किले को डालमिया ग्रुप को देने पर विवाद हो हुआ था।

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कंपनियों को पर्यटकों से चार्ज वसूलने का भी अधिकार दिया गया था

गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय ‘एडॉप्ट ए हेरीटेज’ स्कीम के तहत कई बड़े स्मारकों को गोद दे चुका है। मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में ऐतिहासिक स्मारकों को गोद देने की स्कीम लॉन्च की थी। इसके लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की कंपनियों को इन स्मारकों के रखरखाव की जिम्मेदारी देने की बात थी। इस रखरखाव के बदले इन कंपनियों को पर्यटकों से चार्ज वसूलने का भी अधिकार दिया गया था।

मंत्रालय अभी इस स्कीम के तहत ताजमहल को नहीं देने की योजना

ईटी के मुताबिक ‘एडॉप्ट ए हेरीटेज’ स्कीम के तहत कुतुब मीनार का रखरखाव का जिम्मा यात्रा डॉट कॉम को दिया गया है। इसी तरह सफदरजंग मकबरे की देखभाल ट्रेवल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया करेगी। जंतर मंतर का जिम्मा एसबीआई फाउंडेशन और कोणार्क के सूर्य मंदिर को टीके इंटरनेशल को दिया गया है।हालांकि मंत्रालय अभी इस स्कीम के तहत ताजमहल को नहीं देने की योजना बना रहा है। ईटी के मुताबिक ताजमहल से कई तरह के मुद्दे जुड़े हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ‘वहां बहुत कुछ हो रहा है।

ताजमहल पर सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है। ये स्मारक बड़ा है और इसमें कई तरह के मुद्दे हैं। गोद देने वाले स्मारकों की लिस्ट लंबी है और जरुरी नहीं कि हर एक को गोद दिया जाए। कमेटी इस पर फैसला करेगी कि अभी इसे देने की जरुरत नहीं है।उन्होंने कहा कि हम इस पर (ताजमहल) पर काम कर रहे हैं। कुछ ऐतिहासिक स्मारक हैं जिन्हें तुरंत गोद देने की जरुरत नहीं है, इसमे ताजमहल भी है। इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण ठीक से नहीं कर पाने पर ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया को लताड़ लगाई थी।

लाल किले को डालमिया ग्रुप को गोद देने पर विवाद हुआ था

अप्रैल में दिल्ली के लाल किले को डालमिया ग्रुप को गोद देने पर विवाद हो गया था। इसकी सभी जमकर आलोचना हुई थी। पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा था कि ये अच्छे मेंटेनेंस और पर्यटकों को ज्यादा सुविधाएं देने के लिए किया गया था। इसके तहत ही लाल किले को रखरखाव के लिए डालमिया ग्रुप को दिया है।

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