- भारत खबर टेक डेस्क
अंतरिक्ष में निष्क्रिय कृत्रिम उपग्रहों और अन्य उपकरणों का मलवा बड़ी चुनौती बन चुकी है। यह संसार व नेविगेशन सेटेलाइट के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।
वैज्ञानिकों ने अब लेजर की मदद से इस कचरे को खत्म करने का नया तरीका इजाद किया है, जर्मन एयरोस्पेस सेंटर के स्टीफन स्केरिंग जस्का विलकन और हांस अलबर्ट इकाल का वेलकम ने नए स्मार्टफोन से भी छोटे बेकार टुकड़ों को खत्म करने का लेजर आधारित मॉडल तैयार किया है।
इनकी मदद से 15 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चक्कर लगाने वाले उपग्रहों की
कक्षाओं को बदल कर उसे पहले वायुमंडल में लाया जाएगा, वायुमंडल के संपर्क में आते ही वो घर्षण बल के कारण खुद नष्ट हो जाएंगे।
अंतरिक्ष में मौजूद मलबे के बड़े समूह के बारे में जानकारी है लेकिन 10 सेंटीमीटर या उससे छोटे कणों का पता लगाना बहुत कठिन है लेजर माडल से छुटकारा मिलने का दावा किया गया है, अत्यधिक गति से यान से टकराने की स्थिति में संचार और नेविगेशन प्रणाली के गड़बड़ाने की आशंका रहती है।