देहरादून। बिहार के बाद अब देवभूमि पर शराब बंदी को लेकर कोर्ट सख्त होती नजर आ रही है। शराब बंदी के मामले में हरिद्वार के उदय नारायण तिवारी ने एक जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य पर ध्यान देते हुए कहा कि सूबे के रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जैसे बड़े जिलों शराब, बीयर के साथ नशीले पदार्थों की बिक्री अब नहीं होगी।
हरिद्वार के उदय नारायण तिवारी ने एक याचिका के जरिए कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालय एवं धार्मिक स्थलों से तकरीबन एक किलोमीटर दूर तक शराब की ब्रिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि नानकमत्ता, हेमकुंड साहिब और रीठा साहब गुरुद्वारा के पांच किलोमीटर की दूरी में कोई भी तंबाकू का पदार्थ न तो सेवन होगा और ना ही बेचा जाएगा। इसके साथ ही तीनों धार्मिक जिलों में शराब और नशीले पर्दाथ की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
हांलाकि कोर्ट के इस फैसले से सरकार को राजस्व की हानि होने वाली है। साल 2015-16 में सूबे में शराब से तकरीबन 1800 करोड़ रूपए की आय हुई थी। शराब बंदी होने से अब राजस्व में तकरीबन 500 करोड़ रूपये का नुकसान होना तय है। इस मामले में नए वित्तीय वर्ष से हाईकोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब सरकार सूबे में शराब की दुकाने भी कम की जायें।