देहरादून। किसी भी राज्य के लिए नौकरशाह सरकोर के प्रमुख अंग माने जाते हैं, सरकारी कामों को भली भांति सुचारु करना और लोगों तक सरकार के बातों को पहुंचाना नौकरशाहों का प्रमुख काम होता है, पर अगर यही नौकरशाह सरकार के बातों की अवहेलना करने लग जाएं तो वह सरकार कमजोर पड़ने लगती है। यह कुछ मंजर है उत्तराखंड सरकार का जहां पर नौकरशाहों को सरकार के आदेशांे की अवहेलना के आरोप में स्थानांतरित करने पर मजबूर होना पड़ा इनमें गढ़वाल मंडलायुक्त को कुमाऊं भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कार्यभार नहीं ग्रहण किया तब बाद में अन्य अधिकारी को यह दायित्व दिया गया।
आपको बता दे कि राज्य मंे नौकरशाहों और सरकार के बीच मतभेद चल रहा है जिसके चलते करीब एक दर्जन अधिकारियों ने स्थानांतरण कर दिया गया है। गढ़वाल के पूर्व मंडलायुक्त एवं सचिव चन्द्र सिंह नपलच्याल को कुमाऊं का मंडलायुक्त बनाया गया था, लेकिन उन्होंने वहां जाना उचित नहीं समझा। पीसीएस से आईएएस बने बीके संत ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी बनाए गए थे। श्री संत कई क्षेत्रों में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने भी ऊधमसिंह नगर में दायित्व नहीं संभाला।
इसी प्रकार एक दर्जन और अधिकारी हैं जो दायित्व नहीं संभाल रहे हैं। इन्हीं में आईएएस दंपत्ति नितिन भदौरिया और स्वाती एस भदौरिया का भी नाम शामिल है। नितिन भदौरिया मुख्य नगर आयुक्त देहरादून तथा स्वाती भदौरिया उपजिलाधिकारी देहरादून के पद पर कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह ने ऐसे अधिकारियों की सूची मांगी है, जो अपनी तैनाती पर नहीं जा रहे हैं लेकिन इच्छा शक्ति के बगैर इसमें मुख्यसचिव भी कौन सा निर्णय ले पाएंगे।