देहरादून। विधानसभा चुनाव के पहले सूबे में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी पीडीएफ और कांग्रेस के बीच रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हांलाकि सरकार में कैबिनेट मंत्री और पीडीएफ के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी किसी की तरह के विरोध से साफ इनकार कर रहे हैं। मगर पार्टी के दूसरे नेता लगातार विरोधाभासी बयान दे काग्रेस के साथ नूरा-कुश्ती जारी रखे हुए हैं।
काग्रेस को विधान सभा चुनाव में अपनी चुनावी गणित बैठाने के लिए पीडीएफ के सहयोग की जरूरत है और पीडीएफ को सूबे में अपने राजनैतिक वर्चस्व को कायम रखने के लिए सत्ता की लेकिन लगातार दोनों पार्टियों की ओर से जबाबी बयान बाजी से साफ जाहिर है कि पीडीएफ और कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
सरकार में पीडीएफ के कोटे से मंत्री दिनेश धनै ने कांग्रेस के खिलाफ तीखे मिजाज कायम रखे हैं। धनै ने कहा है कि वो टिहरी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस इनके खिलाफ अपना प्रत्याशी उतार सकती है। लेकिन पीडीएफ संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी कांग्रेस और पार्टी के बीच जारी गतिरोध के बाद भी कांग्रेस ने साथ अपना सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने साफ का कि निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा किसी की स्वयं की हो सकती है, पर पार्टी कांग्रेस के साथ है।
फिलहाल उत्तराखंड में पीडीएफ के नेताओं और कांग्रेस के नेताओं के बीच जारी बयान बाजी के बाद पीडीएफ नेताओं की आपसी बयानबाजी ने कांग्रेस के लिए चिंता बढा दी है। ठीक विधान सभा चुनाव के पहले उसके सहयोगी दल में इस तरह की बातें उसके लिए सत्ता वापसी के सपनों को तोड़ने की कोशिश जैसा है।