देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आलीशान बंगलों में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब अपने बंगले खाली करने ही पड़ेगे। हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है।इसके लिए वाकायदा शासन स्तर पर शासनादेश जारी करने की तैयारी हो चुकी है। अब इसके बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जल्द ही अपना आवास खाली करना पड़ेगा।
सूत्रों की मानें तो यह शासनादेश तकनीकी कारणों के चलते रूका पड़ा था। लेकिन अब सरकार इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है। इन आवासों के रखरखाव और व्यवस्था पर हर साल सरकार को लाखों रूपये का खर्च उठाना पड़ता है।पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास समेत अन्य सुविधाएं दिए जाने के सन्बन्ध में हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका की सुनवाई चल रही है, जब इस सुनवाई के दौरान सरकार से कोर्ट ने जबाब मांगा तो सरकार ने उत्तर प्रदेश की नियमावली का हवाला दिया।
क्योंकि राज्य के गठन के बाद उत्तर प्रदेश की इसी नियमावली के तहत यहां पर पूर्व मुख्यमत्रियों को आवासीय सुविधा दी गई है। लेकिन हाल में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी आवास दिए जाने को वाजिब नहीं माना है। अब यहां पर भी मुख्यमंत्रियों की आवासीय सुविधा खत्म हो सकती है। इसलिए सरकार ने इस बावत शासनादेश जारी करने की तैयारी हो चुकी है। तकनीकी कारणों के चलते इसे संशोधन के लिए रोक लिया गया। अब संशोधन के बाद इसे एक दो दिनों के भीतर जारी कर दिया जाएगा।