उत्तराखंडः ‘होम स्टे प्रोजेक्ट’ को लेकर सूबे में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज लगातार इसे प्रमोट करने में लगे हुए हैं।इस प्रोजेक्ट के तहत भूतपूर्व सैनिक को उत्तराखंड के खाली पड़े ग्रामीण क्षेत्रों में बसाने की तैयारी है।सतपाल महाराज की माने तो उन्होंने इस बावत थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत से भी बात की है।ये प्रोजेक्ट सूबे में रोजगार के साथ पलायन को भी रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
लगातार पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम स्थितियों के चलते इसे पलायन की मार झेलनी पड़ रही है
उत्तराखंड नैसर्गिक सुंदरता के साथ प्राकृतिक खूबियों से भरा है।लेकिन लगातार पर्वतीय क्षेत्रों की दुर्गम स्थितियों के चलते इसे पलायन की मार झेलनी पड़ रही है।इसके साथ ही इस इलाकों में रोजगार के अवसर कम हैं। जिसका असर वहाँ पर जनजीवन को भी प्रभावित करता है।लेकिन अब इन निर्जन इलाकों में उत्तराखंड का पर्यटन विभाग चहलकदमी करने जा रहा है।इन इलाकों में ‘होम स्टे’ योजना के तहत विकसित किया जाना है।
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पर्यटन विभाग सूबे में पलायन रोकने और निर्जन पड़े गांवों को फिर से बसाने के लिए अब एक नए सिरे से तैयारी कर रहा है
उत्तराखंड का पर्यटन विभाग सूबे में पलायन रोकने और निर्जन पड़े गांवों को फिर से बसाने के लिए अब एक नए सिरे से तैयारी कर रहा है।इसको लेकर होम स्टे प्रोजेक्ट के जरिए ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है।विभाग इसको लेकर डाटा एकत्रिकरण का काम कर रहा है।जिससे आने वाले दिनों में इस प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से धरातल पर उतारा जा सके।विभाग की एसीइओ ज्योति नीरज खैरवाल की माने तो विभाग साल 2019 तक तकरीबन 5 हजार स्टे होम को तैयार करने की तैयारी में लगा हुआ है।
फिलहाल विभाग इस बाबत तैयारियों को करने में लगा हुआ है
इस प्रोजेक्ट में कई छोटे-छोटे प्रोजेक्टों के जरिए अन्य कार्यक्रम भी चलाने की योजना है।फिलहाल विभाग इस बाबत तैयारियों को करने में लगा हुआ है।आने वाले दिनों में विभाग और सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट से पहाड़ों की रौनक वापस आएगी।लेकिन यहां सवाल ये है कि अभी तक इस प्रोजेक्ट को लेकर क्षेत्रों और इलाकों का चयन नहीं हो पाया है।आखिर आने वाले दिनों में ये काम 2019 तक पूरा करना विभाग के साथ सरकार के लिए भी एक चुनौती पूर्ण सबक बनता जा रहा है।