उत्तराखंडः सूबे में पर्यटन की गतिविधियों को बढाने के लिए अब सरकार और विभाग साझा कार्यक्रम लेकर आए हैं।इसके तहत पहले ही कैबिनेट में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जा चुका है।लेकिन अब तक राज्य में पर्यटन की नीति पुराने ढ़र्रे पर चल रही थी।जिसको सुचारू रूप से लागू करने के लिए सरकार और विभाग ने अब नई पर्यटन नीति को लागू कर दिया है।
इसे भी पढ़ेःउत्तराखंडःपर्यटन को लेकर सतपाल महाराज का नया प्रयोग
सूबे में अब तक पर्यटन के क्षेत्र की जा रही गतिविधियों के जरिए लोगों को रोजगार दिलाने और सूबे में इसे उद्योग के तौर पर विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग और सरकार के सहयोग से कारगर नई पर्यटन नीति को मंत्रिमंडल की बैठक में बीते गुरूवार को पारित कर दिया गया।इस नीति के तहत आने वाले दिनों में कई निवेशकों को देवभूमि उत्तराखंड में जहां निवेश के अवसर मिलने वाले हैं।वहीं पर इसके तहत जहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी।साथ ही लोगों के आय के साधन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
नई पर्यटन नीति में जहां सूबे में अब उद्योग की तर्ज पर मीडियम, सूक्ष्म और बड़े औद्योगिक क्षेत्र की तरह यहां पर भी निवेश के अवसर बढ़ेंगे।इन निवेशकों को अलग-अलग क्रम में रियायतें और छूट का भी प्रावधान रखा गया है।इसके साथ ही अगर उत्तराखंड का ही कोई उद्योगपति यहां पर निवेश करता है।तो उसके निवेश पर भी छूट का प्रावधान रखा गया है।आने वाले दिनों में नई पर्यटन नीति से सूबे में विकास और निवेश के अवसर बढ़ने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि आने वाले दिनों में सूबे में आयोजित होने वाले इन्वेस्टर समिट में भी इस नई पर्यटन नीति का लाभ मिलेगा।इस नीति के तहत जहां निवेशकों को एक बेहतर माहौल सूबे में पर्यटन में निवेश को लेकर मिलेगा।वहीं इससे आने वाले दिनों में सूबे में इस पेशे से जुड़े लोगों को आय का नया साधन मिलने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इसे भी पढ़ेःउत्तराखण्डःहोटल एसोसिएशन आॅफ देवभूमि फार्मा इंडस्ट्रीज के प्रोग्राम में प्रतिभाग किया
अजस्र पीयूष