लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि क्या गारंटी है कि पाकिस्तान 2000 रुपये के नकली भारतीय नोट नहीं छापेगा? क्या हर बार करेंसी बदली जाएगी? क्या इसका समाधान बार-बार नोट बदलते रहना है? मुख्यमंत्री ने यहां सोमवार को हिन्दी संस्थान में बाल दिवस के मौके पर साहित्यकारों को सम्मानित किया और अपने संबोधन में नोटबंदी से देशभर में मची अफरा-तफरी की बात छेड़ी।
अखिलेश ने कहा, “केंद्र सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए नोट बंद किए हैं। जब तक हम मिलकर नहीं चलेंगे, तब तक कालाधन बंद नहीं होगा।” उनका इशारा केंद्र-राज्य के बीच तालमेल का बिल्कुल अभाव की ओर था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार कहती है कि नकली नोट पाकिस्तान से छपकर आते हैं। क्या गारंटी है कि पाकिस्तानी दो हजार रुपये के नए नोट की नकल नहीं करवाएगा? तो क्या हर बार हम अपनी करेंसी को बदलते रहेंगे? ये सोचने का विषय है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए इन्होंने नोट बंद कर दिए।”
अखिलेश ने कहा कि खेतों में बुआई तभी होगी, किसान की जब जेब में पैसा होगा। कम से कम किसान को छूट देनी चाहिए थी। किसान की जेब खाली है, वे न बीज ले पा रहे हैं न खाद। नोटबंदी की वजह से खेती भी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को पता ही नहीं कि यहां कितनी समस्याएं हैं। वो गरीबों की समस्या नहीं समझते। ऐसा ही रहा तो समस्या दूर होने में अभी दो-ढाई महीना लग सकते हैं।”
अखिलेश ने कहा, “जब तक हम सब मिलकर नहीं चलेंगे, तब तक कालाधन बंद नहीं हो पाएगा। हम और आप मिलकर संकल्प लें, तो कालेधन और भ्रष्टाचार का समाधान हो जाएगा। जब आरबीआई के आंकड़े आएंगे तब पता चलेगा कि कितना कालाधन आया।”
बाल दिवस समरोह में मुख्यमंत्री ने कई विभूतियों को सम्मानित किया।