मेरठ। ऐतिहासिक और क्रांतिधारक पृष्टभूमि मेरठ को रावण की ससुराल भी माना गया है। ऐसा मानना है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मेरठ की रहने वाली थी, यहां रावण का पुतला बनाने का काम एक मुस्लिम परिवार करता है। ये मुस्लिम परिवार चार पीढ़ियों से ये काम करता चला आ रहा है। दूर-दूर से लोग यहाँ से पुतला खरीदने आये हैं।
दशहरे पर रावण का पुतला बनाने वाले तीरगरान निवासी सुहेल ने बताया कि वो रावण का पुतला बनाने का काम अपने परदादा के समय से करते आ रहे हैं। उनके बाद दादा हाजी इदरीश ने रामलीला के लिए रावण, ताड़का, कुंभकरण आदि के पुतले भी बनाने शुरू कर दिए।
दादा के बाद उनके अब्बा और अब वह अपने परिवार के साथ रावण का पुतला बनाते हैं।। मेरठ के साथ-साथ वो मुरादाबाद, गाजियाबाद, सहारनपुर, देहरादून में भी आर्डर देने पुतला बनाने का काम करते हैं।
(राहुल गुप्ता, संवाददाता)