मेरठ। सूत्रों की पुख्ता सूचना के आधार पर मेरठ पुलिस ने 500000 के जाली नोट ले जाते तीन आरोपी को दबोच लिया जबकि मुख्य आरोपी मौके से फरार हो गया। एक तरफ मेरठ पुलिस को बडी सफलता मिली है परन्तु यहां परन्तु एसटीएफ से लेकर यूपी पुलिस तक की टीमें लगातार नकली नोटों के आरोपियों की गिरफ्तारी करती है पर मालदा (पश्चिम बंगाल) से आने वाले जाली नोटों के नेटवर्क को नहीं तोड़ पा रही हैं। हर बार एजेंसियां सिर्फ कैरियर को गिरफ्तार कर शांत बैठ जाती हैं। सरगना तक हाथ नहीं पहुंच पाने के कारण नकली नोटो का काला कारोबार बदस्तूर जारी है।
गौरतलब है कि मेरठ जाली नोटों के तस्करों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट बन गया है। यहां से राजस्थान और पंजाब तक जाली नोटों की आपूर्ति होती है। गुरुवार को नकली नोटों का सौदागर रिजवान पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आशंका है कि उसके कई बड़े नेताओं और रसूखदार लोगों से संबंध हैं, जो इस खेल में शामिल हैं। हालांकि पुलिस रिजवान से कोई खास जानकारी नहीं जुटा सकी, जिससे वह नेटवर्क को तोड़ सके। इतना जरूर है कि उसने नोटों की सप्लाई मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर और हापुड़ में करने की बात स्वीकार की है।
परीक्षितगढ़ के खादर में भी पांच लाख के नकली नोट के बदले एक लाख की रकम ली जानी थी। आपूर्ति किस नेता को करनी थी, अभी तक इसका पता नहीं चल सका है। रिजवान ने बताया कि ये नकली नोट एनसीआर में बन रहे हैं, पर देखने से पता चल रहा है कि ये पाकिस्तान से लाए गए हैं।
(राहुल गुप्ता, संवाददाता)