नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने से संबंधित कानून को चुनौती देने वाली एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ मंगलवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन लोक प्रहरी की ओर से दायर याचिका पर यह नोटिस जारी किया।
याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने के लिए कानून में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। लोक प्रहरी के महासचिव और पूर्व नौकरशाह एस. एन. शुक्ला शिकायकर्ता के तौर पर सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे।
गौरतलब है कि कानून में संशोधन कर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व आदेश को निष्प्रभावी कर दिया गया, जिसमें शीर्ष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास आवंटित करने पर रोक लगा दी थी। अदालत ने राज्य के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने सरकारी आवास खाली करने का निर्देश दिया था।