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केन्द्रीय वस्त्र राज्यमंत्री अजय टम्टा और सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने नई दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की

uk 1 1 केन्द्रीय वस्त्र राज्यमंत्री अजय टम्टा और सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने नई दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट की

देहरादून। केन्द्रीय वस्त्र राज्यमंत्री अजय टम्टा एवं सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने बुधवार को नई दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से भेंट कर टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के शीघ्र निर्माण का अनुरोध किया है। इस संबंध में रेल मंत्री को लिखे पत्र में टम्टा ने कहा है कि उनके संसदीय क्षेत्र अल्मोड़ा की जनता कई दशकों से टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग के निर्माण की मांग को लेकर संघर्षरत है। इस रेल मार्ग के निर्माण हेतु 1912 में ब्रिटिश शासनकाल से वर्ष 2010-11 तक अनेक बार सर्वे का कार्य किया गया है। उन्होंने इस विषय को लोकसभा में रेल बजट पर अपने भाषण में भी उठाया था और इसका निर्माण शीघ्र प्रारम्भ करने का अनुरोध किया था।

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सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में चिन्ह्ति किया था

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की याचिका समिति के समक्ष रक्षा मंत्रालय द्वारा टनकपुर-बागेश्वर रेलमार्ग को भारत की सुरक्षा की दृष्टि से सामरिक महत्व की परियोजना के रूप में चिन्ह्ति किया था। समिति द्वारा अपनी 141वीं रिपोर्ट में इसके शीघ्र निर्माण का प्रस्ताव किया गया था। इस रेल मार्ग के निर्माण में विलम्ब से क्षेत्रवासियों में अत्यंत रोष है। उन्होंने इस संबंध में बागेश्वर-टनकपुर रेलमार्ग निर्माण संघर्ष समिति के साथ सांसद श्री भगत सिंह कोश्यारी के पत्र का भी उल्लेख किया है, जिसमें भी उल्लेख किया गया है कि सामरिक सुरक्षा की दृष्टि से संसद की याचिका समिति के सम्मुख हिमालयी राज्यों में 14 नये रेल लाईनों की आवश्यकता बताई गयी।

टनकपुर-बागेश्वर और टनकपुर-जौलजीवी है

इन 14 रेल लाईनों में तीन उत्तराखण्ड से है जिनमें ऋषिकेश कर्णप्रयाग चमोली, टनकपुर-बागेश्वर और टनकपुर-जौलजीवी है। इनमें टनकपुर बागेश्वर रेल लाईन के बीच में लगभग 80 किमी के बाद जौलजीवी 35 किमी के आसपास रेल लाईन बनेगी। उक्त रेल लाईनों में टनकपुर-बागेश्वर-जौलजीवी छोडकर ऋषिकेश कर्णप्रयाग सहित सभी रेल लाईनों को केन्द्र ने राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के रूप में ले लिया है। अतः अनुरोध है कि राष्ट्रीय सुरक्षा व सीमान्त क्षेत्र की जनता के हित में टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन को शीघ्र बनवाने का कष्ट करें। सामरिक महत्व के कारण इसे नेशनल प्रोजेक्ट के रूप में लिया जा सकता है। इस रेल लाईन के बनने से भारत के साथ-साथ नेपाल के नागरिकों को भी बहुत सुविधा होगी।

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