नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण जिले की अलग-अलग अदालतों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर की गयी कथित विवादित टिप्पणी पर बुधवार को एक परिवाद पत्र दायर किया गया.
कमलनाथ की टिप्पणी से नाराज है याचिकाकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाश्मी ने मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कमलनाथ के खिलाफ शिकायत आईपीसी की धारा 153 और 504 के तहत बुधवार को दायर कराया. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कमलनाथ की टिप्पणी से दोनों राज्यों के लोग आहत हुए हैं.
पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद की अदालत में अधिवक्ता मुराद अली द्वारा दायर एक शिकायत में वकील ने कमलनाथ के बयान को संविधान की अनुसूची तीन के अन्तर्गत शपथ का उल्लंघन बताया है.
3 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि कमलनाथ का उक्त बयान देश की एकता और अखण्डता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है. अधिवक्ता ने अपने शिकायत पत्र में लगाये गये आरापों के समर्थन में अखबारी साक्ष्यों का जिक्र किया है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले की अगली सुनवायी की तारीख अगामी 3 फरवरी निर्धारित की है.
बता दें कि कमलनाथ ने निवेश को प्रोत्साहन देने वाली योजना की घोषणा करते हुए गत 18 दिसंबर को कहा था कि मध्य प्रदेश के लोग बेरोजगार रह जाते हैं जबकि उत्तर प्रदेश एवं बिहार के लोग नौकरियां ले जाते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के 70 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार देने पर निवेशकर्ता कंपनी को प्रोत्साहन देने की बात की थी.
कमलनाथ की उक्त विवादित टिप्पणी को जहां बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और बीजेपी ने देश के संघीय ढांचे के लिए खतरनाक बताया था वहीं कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी ने कहा था कि उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.