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मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा ढूंढ़ रही : मायावती

Surgical Strike now seeking political mileage in government by Mayawati मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक में राजनीतिक फायदा ढूंढ़ रही : मायावती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार किया। मायावती ने आरोप लगाया कि सरकार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सेना के सर्जिकल स्ट्राइक्स का चुनावी लाभ लेना चाहती है। मायावती ने कहा कि ये सर्जिकल स्ट्राइक्स पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के बाद ही हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि इसमें जानबूझकर देरी की गई, ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके। बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित विशाल रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कमजोरियों और नाकामियों को छुपाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक्स का सहारा ले रहे हैं।

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मायावती ने कहा, “सेना की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले के बाद ही कराए जाने चाहिए था, लेकिन इसमें जानबूझकर देरी की गई। उड़ी में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सेना को कार्रवाई की छूट दी। विधानसभा चुनाव से पहले भारत पाकिस्ताान के बीच युद्ध होने का उन्माद फैलाया जा रहा है। यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।” मायावती ने कहा कि पहले भी सेना की ओर से सर्जिकल ऑपरेशन किए गए हैं। दुनिया के अन्य देशों में सेनाएं इस तरह के ऑपरेशन करती रहती हैं। अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया, लेकिन उसका ढिंढोरा नहीं पीटा गया। केंद्र सरकार इस तरह के ऑपरेशन को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। सेना की इस बहादुरी के लिए जवानों की जयकार होनी चाहिए, लेकिन इसे दूसरी कहानी का रूप दिया जा रहा है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उड़ी में शहीद हुए 18 जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि मोदी लखनऊ में दशहरा मनाने आ रहे हैं। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि सरकार सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों को डराने के लिए कर रही है। प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे, उसमें एक भी वादा ढाई वर्षो के भीतर नहीं पूरा हो पाया है। मोदी ने कहा था कि चुनाव के बाद जो काला धन आएगा उससे गरीबों के खातों में 15 से 20 लाख रुपए पहुंच जाएंगे। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार विदेश से काला धन लाने की बजाय देश के काले धन को सफेद करने में जुटी हुई है। उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। ललित मोदी व विजय माल्या इसके उदाहरण हैं। उप्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के एजेंडे पर आगे चलकर उप्र का माहौल खराब करना चाहती है। सरकार लव जेहाद, गोहत्या, घर वापसी जैसे मुद्दों की आड़ में राज्य में कट्टरवादी सोच को बढ़ावा देने का काम कर रही है।

 

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