नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। भाजपा, कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है। इसी बीच भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुस्लिम समाज के लोगों के लिए अपने ट्विटर पर एक संदेश लिखा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, ‘’सरयू नदी के उस पार मस्जिद बनाने का मेरा प्रस्ताव मुस्लिम समाज को मान लेना चाहिए। अगर मुस्लिम समाज हमारा प्रस्ताव नहीं मानता है तो साल 2018 में राज्यसभा में बहुमत होने के बाद मंदिर बनाने के लिए कानून बनाएंगे।’’
Muslim should accept my proposal for a masjid across Saryu. Or else in 2018 on getting the RS majority we will enact a law to build temple
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 21, 2017
कोर्ट के बाहर सेटलमेंट नहीं है मंजूर
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी आने के बाद राजनेता और सरकार ने इसका स्वागत किया है। जहां एक तरफ सब इस टिप्पणी का स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य, ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे वकील जफरयाब जिलानी ने इस पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि वो कोर्ट के सुझाव का स्वागत तो करते हैं लेकिन कोर्ट के बाहर मसले को सुलझाने में विश्वास नहीं रखते हैं।
स्वामी ने किया स्वागत
भाजपा नेता व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से अयोध्या के राम जन्मभूमि पर जल्द राम मन्दिर बनाने की बात कहते हुए कहा है कि जहां भगवान श्री राम का जन्म हुआ है उस जगह को नहीं बदला जा सकता है लेकिन नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है। सऊदी अरब का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कई देशों में बिल्डिंग बनाने के लिए मस्जिद हटाए जाते हैं। मुसलमान कहीं पर भी नमाज पढ़ सकते हैं। लिहाजा मुस्लिम समुदाय इस रचनात्मक सुझाव को माने, तो अच्छा होगा।
ओवैसी ने किया ट्विट
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया,”मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अवमानना याचिका पर भी फैसला सुनाएगा, जो 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के समय से लंबित है।”
सुप्रीम कोर्ट ने दी टिप्पणी
योगी के सीएम बनने के बाद सबको उम्मीद है कि अयोध्य़ा में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही होगा। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले पर टिप्पणी दी है। कोर्ट ने कहा है कि दोनों पक्ष मिलकर ही इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं और इसे सुलझा सकते हैं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का मामला विशेष धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है इस पर फैसला सुनना से लोगों की भावनाएं आहात होंगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस मामले को सुलझाने के लिए अगर कोर्ट की मध्यस्ता की आवश्कता होगी तो कोर्ट वो करने के लिए तैयार है।