नई दिल्ली। जेएनयू में छात्र नजीब अहमद के लापता होने के बाद से माहौल गरमाया हुआ है। प्रशासन नजीब के मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए है जिसकी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया। खबरों के मुताबिक वीसी और रजिस्ट्रार ने कई बार परिसर से जाने की कोशिश की लेकिन उनकी सभी कोशिशें नाकाम रही। छात्र नजीब अहमद शनिवार से लापता है और उसी की गुमशुजदी को लेकर देर रात छात्रों ने प्रदर्शन किया। जेएनयू के वीसी और रजिस्ट्रार को बंधन बनाने की भी खबरें सामने आ रही है, वीसी और रजिस्ट्रार को करीब 17 घंटो से छात्रों ने बंधक बना कर रखा है। इसी सिलसिले में आज वीसी और रजिस्ट्रार ने मीडिया से बातचीत की और बताया कि उनको और उनके सहकर्मियों को बंधक बना कर रखा गया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान वीसी जगदीश कुमार ने बताया कि उनको और कुछ सहकर्मियों को छा़त्र ने बंधक बना रखा है, साथ ही वीसी ने अपने स्वास्थ्य को लेकर बताया है कि उन्हें डायबिटीज है, इसके बावजूद भी उन्हे करीब 17 घंटों से बंधक बना के रखा गया है। जेएनयू वीसी ने बताया कि इस मामले को लेकर वे एक हाईलेवल मीटिंग करना चाहते हैं, साथ ही उन्होने चेतावनी दी है कि अगर उन्हे ऐसा करने से रोका गया तो वे इसकी सूचना पुलिस को देंगे।
इस मामले पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली राज्य मंत्री भरत खटाना ने भारत खबर से फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि जेएनयू मे वामपंथी दलों की यह सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। वामपंथी दलों ने जिस प्रकार से वीसी और कुछ अन्य अधिकारियों को बंधक बना कर छात्र को ढूंढने की मांग कर रही है, यह अहिंसा वादी तरीका और हम इसकी निंदा करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि एबीवीपी ने भी छात्र को जल्द से जल्द पता करवाने की मांग की थी पर इस तरह से वीसी को बंधक बनाना कानूनी और अहिंसावादी है।
आपको बता दें कि इससे पहले आईसा ने आरोप लगाया है कि भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी ने छात्र नजीब को गायब करा दिया है। इस पर बोलते हुए एबीवीपी के दिल्ली राज्य मंत्री ने बताया कि वामपंथी दल पहले से ही जेएनयू और एबीवीपी को बदनाम करने की कोशिशें करती रही है। इस मामले में भी पहले हमारे कार्यकर्ताओं से मारपीट की गई और अब मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन छात्र को नहीं ढूंढ पा रही है यह उनकी लापरवाही है, अगर छात्र को जल्द से जल्द नहीं ढूंढा गया तो एबीवीपी इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी, साथ ही उन्होने यह भी उम्मीद जताई है कि जब नजीब वापस आएगा तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा, और वामपंथी दलों की पोल खुलेगी।