नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत ने सोमवार को राजधानी दिल्ली के अभिभावकों को बहुत बड़ा फैसला लिया है…फैसला ये कि दिल्ली के निजी स्कूलों की फीस अब नहीं बढ़ेगी। ये फैसला उन स्कूलों पर लागू होगा जो सरकार से मिली जमीन पर बने हैं। चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने उनकी याचिका को सुनने से इंकार कर दिया। चीफ जस्टिस ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि स्कूल या तो नियम मानें या फिर सरकारी जमीन को छोड़ दें।
कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि फीस बढा़ने को लेकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने अनिल देव सिंह कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने कहा था कि खास परिस्थितियों में प्राइवेट स्कूल अधिनियम 10 फीसदी तक फीस बढ़ा सकते हैं लेकिन अधिकतर निजी स्कूल सामान्य स्थितियों में 10 फीसदी तक फीस बढ़ा सकते हैं।
बता दें कि इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले पर पिछले काफी दिनों से अभिभावक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में करीबन 400 पब्लिक स्कूल हैं जो डीडीए से मिली जमीन पर बने हैं। इस फैसले को अभिभावकों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।